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उद्योग विभाग की जमींन को भी नहीं बख्शा -बेचा भू माफियाओं

छात्रावास के निर्माण में विरोध हुआ तो प्रशासन ने दर्ज कराया मामला

दुर्ग [दबंग प्रहरी]  छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में भू माफिया इस कदर हावी हैं कि वो सरकारी जमीन को भी बेच खा रहे हैं। ताजा मामला वैशाली नगर के बाबा दीपसिंह नगर में सामने आया है। यहां उद्योग विभाग की जमीन को अपना बताकर भूमाफियाओं ने दूसरे को बेच दिया। जब उस जमीन पर ट्राइबल डिपार्टमेंट ने छात्रावास बनाना शुरू किया तो खरीददारों ने आपत्ति की। इसके बाद अतिरिक्त तहसीलदार ने भू माफियाओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

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भिलाई की अतिरिक्त तहसीलदार क्षमा यदु ने बताया कि बाबा दीपसिंह नगर में खसरा नंबर 5407/7 में 0.23 हेक्टेयर जमीन उद्योग विभाग के नाम दर्ज है। इस जमीन को कैंप 2 निवासी मुकेश बावने, एन धनराजू और अरविंद भाई ने अपनी बताकर दस्तावेजों में छेड़छाड़ किया। इसके बाद उसे फर्जी तरीके से दूसरे लोगों को बेच दिया। इसके बाद आदिवासी विकास विभाग ने वहां पर छात्राओं के लिए छात्रावास बनाने के लिए उद्योग विभाग से जमीन ली। जब वहां छात्रावास का निर्माण शुरू हुआ तो कुछ लोगों ने उस जमीन को अपना बताया। उन्होंने उस जमीन का रजिस्ट्री पेपर दिखाया तो विभाग के होश उड़ गए। इसके बाद अतरिक्त तहसीलदार क्षमा यदु ने मामले की जांच की। जाम में जमीन उद्योग विभाग की निकली। इसके बाद उन्होंने खीरदारों को एफआईआर दर्ज कराने के लिए कहा था, जब वो लोग सामने नहीं आए तो अतिरिक्त तहसीलदार ने खुद भू माफियाओं के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
छावनी की जमीन को बताया कोहका की और बेच डाला
अतरिक्त तहसीलदार क्षमा यदु का कहना है कि आरोपी पक्ष ने उद्योग विभाग की जमीन को कोहका क्षेत्र में बताकर फर्जी तरीके से बेजा है। जबकि वह जमीन छावनी क्षेत्र में आती है। इसके बाद अनुसूचित जाति आयोग में पदस्थ मुकेश बावने निवासी श्याम नगर कैंप 2 ने इसकी शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद जिला प्रशासन ने महिला छात्रावास की जमीन खोजने के लिए जब खसरा निकाला और उसकी जांच की तो मामले की पूरी सच्चाई पता चली। इसके बाद मामले शिकायत दर्ज कराई।