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उपहार अग्निकांड मामला: अंसल बंधु साक्ष्यों से छेड़छाड़ के मामले में दोषी करार

   उपहार अग्निकांड मामला यानी फिल्म बार्डर के रिलीज के दौरान हुआ अग्निकांड हादसा 

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उपहार अग्निकांड मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ के मामले में कारोबारी सुशील अंसल और गोपाल अंसल को उनके दो कर्मचारियों सहित दोषी ठहराया है।

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नई दिल्ली. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1997 के उपहार अग्निकांड  मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में कारोबारी सुशील अंसल और गोपाल अंसल  को उनके दो कर्मचारियों सहित अन्य को दोषी ठहराया गया है। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने इस मामले में कोर्ट के एक पूर्व कर्मचारी दिनेश चंद शर्मा और अन्य व्यक्तियों पीपी बत्रा और अनूप सिंह को भी दोषी ठहराया है।

यह मामला मुख्य रूप से अग्निनाकंड मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ से संबंधित है। जिसमें 59 लोगों की जान गई थी। जिसमें अंसल बंधुओं को दोषी ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 2 साल की जेल की सजा सुनाई थी। यह मामला उपहार पीड़ित एसोसिएशन की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति की शिकायत पर हाई कोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया गया था। आरोपियों पर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 109 (उकसाने), 201 (अपराध के सबूत गायब होने के कारण) और आईपीसी की 409 (विश्वास भंग) के तहत अपराध करने का आरोप है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जेल में बिताये समय को ध्यान में रखते हुए इस शर्त पर रिहा कर दिया था कि दोनों को राजधानी दिल्ली में एक ट्रॉमा सेंटर के निर्माण के लिए 30-30 करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर देने होंगे। सुनवाई के दौरान दो अन्य आरोपियों हर स्वरूप पंवार और धर्मवीर मल्होत्रा ​​की मौत हो गई। बता दें कि दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमा में 13 जून 1997 को बॉर्डर फिल्म के प्रदर्शन के दौरान भीषण आग लग गई थी जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी।