ठगी मामले में पीड़ित सामने आए, ठगी की आपबीती बताई : एसबीआई क्रेडिट कार्ड मेंटेनेंस, रिकवरी का झांसा देकर
भिलाई । एसबीआई क्रेडिट कार्ड से जबरिया वसूली के मामले में ट्विनसिटी से अभी तक 1122 लोग सामने आए हैं। शिकायतों में किसी ने कहा कि लोन के नाम पर उनके खाते से रकम निकाली गई तो कई किसी ने बताया कार्ड के मेंटेनेंस करने के नाम पर। क्रेडिट कार्ड बंद करने के बाद भी खाते से रकम निकालने और पिन जनरेट नहीं करने के बाद भी खाते से रकम निकाले जाने की शिकायतें की गई हैं।

क्रेडिट कार्ड से जबरिया वसूली का मामला सामने आने पर कंपनी ने 13 से 19 जनवरी तक कैंप लगाया। इसमें पीड़ितों ने अपनी शिकायतें लिखित में की। इसमें पीड़ितों तारीखों, समय और निकाली गई रकम का स्पष्ट उल्लेख किया। वहीं कुछ लोगों ने उनके साथ क्रेडिट कार्ड के नाम पर धोखाधड़ी होने का भी आरोप लगाया। संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग के स्वामी ने बताया कि उनकी पत्नी ने क्रेडिट कार्ड लिया है, उससे कभी कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया गया, फिर भी उनके खाते से एकमुश्त 26 हजार रकम निकाल ली गई। देवगिरी गोस्वामी ने बताया कि उनके खाते से 20,022 रुपए निकाल लिए गए। बसंत कुमार ने बताया कि बेटी की शादी के लिए रखी रकम 8 लाख रुपए उनके खाते से निकाल लिए गए। बहरहाल मामले की पूरी जा की जा रही है। इस मामले में पीड़ितों ने आज अपनी आपबीती बताई कि कैसे उनसे ठगी की गई। फिलहाल इस मामले में पीड़ित लगातार न्याय की मांग करते आ रहे हैं।

क्रेडिट कार्ड से जबरिया निकाली रकम
एसबीआई क्रेडिट कार्ड से ठगी के अलावा अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के क्रेडिट कार्ड से भी जबरिया रकम निकालने की बातें सामने आई हैं। इसमें माइक्रो फाइनेंस कंपनियां भी शामिल हैं। कुछ निजी बैंकों के नाम से जारी क्रेडिट कार्ड के साथ साथ फाइनेंस कंपनियों से की गई बेजा वसूली की बातें भी सामने आ रही हैं। किसी ने लोन की रिकवरी के नाम से पैसे काटे को तो किसी ने मेंटनेंस के नाम पर। इनकी शिकायतें भी की गईं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इसकी वजह से पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता वे डटे रहेंगे।
सांसद ने कहा- लोकसभा सत्र में सवाल करूंगा
स्वदेश मानव अधिकार संगठन ने मामले की शिकायत सांसद विजय बघेल से की। इस पर उन्होंने बैंक के आला अधिकारियों से से बातचीत करने और आगामी लोकसभा सत्र के प्रश्नकाल में सवाल पूछकर स्थिति को स्पष्ट करने की बात कही। बैंक द्वारा आउटसोर्सिंग कंपनी प्राइवेट को क्रेडिट कार्ड, होम लोन इंश्योरेंस का काम देने के बाद उसकी निगरानी नहीं हो रही है। इसकी वजह से इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिले के कलेक्टर को पत्र लिखकर बैंकों की जांच करने को कहा जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में संस्था के अध्यक्ष छोटू चावला आदि शामिल रहे।
कंपनी के साथ बैंक का है केंद्रीय स्तर पर अनुबंध
एसबीआई सेक्टर-1 मेन ब्रांच के रीजनल मैनेजर अशेष ज्योति चक्रवर्ती ने बताया कि कंपनी एक सब्सिडियरी संस्था है। इसके साथ बैंक को और अपने कार्ड को साथ-साथ प्रमोट करने के लिए केंद्रीय स्तर पर अनुबंध हुआ है। इसी वजह से उन्हें बैंक में अलग से अपने कर्मचारियों को बैठाने के लिए कमरा दिया गया है। इसी वजह से उनके कार्ड में एसबीआई नाम के साथ क्रेडिट कार्ड का उल्लेख किया जा रहा है। वैसे हमारा उनके ऊपर कोई नियंत्रण या हस्तक्षेप नहीं है। उनकी कार्यप्रणाली से हमारा कोई लेनादेना नहीं है। बस सब्सिडियरी होने की वजह से उन्हें स्थान दिया गया है।
बैंक ने कहा- प्रकरणों को छानबीन के बाद हल किया जाएगा
एक उपभोक्ता उन्मुख संगठन होने के नाते, हम अपने उपभोक्ताओं को क्रेडिट कार्ड के बेहतर उपयोग के बारे में जागरुक बनाने और सहायता प्रदान करने के लिए कस्टमर आउटरीच प्रोग्रामों का आयोजन करते रहते हैं। ऐसे ही एक प्रयास के तहत हमने भिलाई में भी 13 से 19 जनवरी तक कस्टमर सर्विस कैंप लगाया। इस दौरान हमने उपभोक्ताओं की समस्याओं और सवालों का समाधान किया गया। इसमें मुख्य रूप से एसबीआई कार्ड मोबाइल एप के इस्तेमाल, एप डाउनलोड, कार्ड के नवीनीकरण, नए कार्ड के आवेदन, अलग कार्ड के लिए पंजीयन, कार्ड बंद करने, शुल्क के रिवर्स, लेनदेन के विवाद आदि शामिल हैं। ज्यादातर समस्याओं का फौरन निदान किया गया। अन्य प्रकरणों को छानबीन के बाद जल्द हल करेंगे। कोई समस्या है तो कंपनी के टोल फ्री नंबर और वेबसाइट से संपर्क कर सकते हैं।
-जनसंपर्क विभाग, एसबीआई