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सतना/रामनगर श्रमिको का शोषण,एमपी का पोषण

मध्यप्रदेश जंहा पर लगातार 18 सालो से भाजपा की सरकार है,यँहा के आदरणीय मुख्यमंत्री व इनका मंत्रिमंडल लगातार घोषणाओं में श्रमिको का पोषण करते नजर आते है चाहे बीड़ी श्रमिक हो या खदान श्रमिक,या गैर संगठित क्षेत्रो में कार्यरत श्रम शक्ति,निजी व सरकारी क्षेत्रो में कार्यरत चाहे व ठेका श्रमिक हो या संविदा मजदूर हर कही शोषण का शिकार है,जिसके चलते जब चाहे काम करवाना,जब चाहे निकाल देना,न बीमा का पता न फंड का,यँहा तक कि उनकी मजदूरी व मानदेय पर भी बट्टा लगना आम है,एमपी में आलम यह है कि शिक्षा विभाग जैसी महत्वपूर्ण जगह पर भी शिक्षको को मजदूर से भी दोयम दर्जे का बनाकर काम जारी है,जिसके चलते प्रदेश में लगातार 15 सालो से सेवा रत स्कूल अतिथि शिक्षक जो बिना एक छुट्टी के लगातर,काम करते हुए बिना किसी सरकारी सुविधा के जीवन यापन करते हुए लगातर कत्ल होते जा रहे है,जिसके चलते 2019-20 में जो आंकड़ा 75 हज़ार के ऊपर था 2021-22 में लगभग 48 हज़ार में सिकुड़ गया,जिसमे सैकड़ो से ज्यादा स्कूल अतिथि शिक्षक मध्यप्रदेश सरकार की नवीन शिक्षा नीति का शिकार होकर आत्महत्या तक कर चुके है,आलम यह है कि वर्ग एक का पोस्टग्रेजुएट शिक्षक शिक्षित बेरोजगार अधिकतम 9 हज़ार में महीना निपटा रहा है,वही स्नातक शिक्षक अधिकतम 7 हज़ार में जिंदगी चला रहा है,और तो और प्राथमिक अतिथि शिक्षक अधिकतम 5 हज़ार पा कर मामा सरकार के गुण गा ते हुए परलोक गमन की तैयारी में है,जिसके चलते श्रम के मानक नियमो,अकुशल श्रेणी से भी कम के मानदेय में गुजारा करता हुआ मानव अधिकार व श्रम घण्टो की दुहाई देता हुआ श्रमिक हितों की उड़ती हुई धज्जियां देख रहा है,जबकि परिणाम के मामले में नब्बे,सत्तर व पचास हज़ार पाने वालों को पीछे छोड़ रहा है,लेकिन भाजपा की एमपी सरकार में इनकी कोई वैल्यू नही बची जिसके चलते विगत 30 अप्रैल 2022 से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत लगभग 48 हज़ार स्कूल अतिथि शिक्षकों को उम्रदराज शिक्षित बेरोजगार बना कर छोड़ दिया गया है,वह भी बिना अप्रैल का मानदेय भुगतान किए,जिसके चलते प्रदेश के 48 हज़ार स्कूल अतिथि शिक्षकों के परिवार के भविष्य पर कुल्हाड़ी चला कर भाजपा की मामा सरकार ,महाराज जी के साथ अपनी पीठ थपथपा रही है,,जिसके चलते अतिथि शिक्षक मजदूरों की स्थिति अत्यंत दयनीय है,,आज एक मई विश्व श्रमिक दिवस के अवसर पर भारतीय मजदूर संघ इकाई रामनगर की महिला कार्यकर्ता श्री मती प्रज्ञा अशोक क्तिवारी ने प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के साथ,न्याय पालिका, कार्यपालिका, व्यवस्थापिका,व महामहिम राज्यपाल व राष्ट्रपति महोदय से इन सभी श्रमिको के सम्बंध में आवश्यक संज्ञान लेकर कार्यवाही करने की अपील की है,क्योकि जो राष्ट्र अपनी श्रम शक्ति के शोषण में भविष्य देखता है,उसका पतन तय होता है, उन्होंने आगाह करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के पास अब भी समय है इन स्कूल अतिथि शिक्षकों के हित में शीघ्र फैसला लेकर,सकारात्मक कार्यवाही करते हुए इनकी बेरोजगारी,बेगारी दूर करें, नही तो वह दिन दूर नही जब प्रदेश में भाजपा भी बेगार होकर रद्दी की टोकरी में दिखेगी..,,अगर भाजपाई हाई कमान व एमपी का विपक्ष जो मुद्दा विहीन नजर आता है,इस पर ध्यान दे तो विश्व श्रमिक दिवस मनाने की व श्रमिको को शुभकामनाएं देने का मतलब निकलेगा,नही तो यह कोरी फॉर्मेलिटी ही समझी जाएगी.।

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