बेटी है तो कल है का दिया सन्देश दीपा ने

सतना :किसी दुल्हन को घोड़ी पर चढ़कर दूल्हे के घर बारात में जाते शायद ही देखा होगा लेकिन यह सच है, सतना शहर के बलेचा परिवार की एकलौती बेटी घोड़ी पर चढ़कर दूल्हे के घर बारात लेकर रवाना हुई है, बड़े धूमधाम से बारात सतना से कोटा के लिए दूल्हे के घर रवाना हुई, परिवार ने घोड़ी पर चढ़ने की बेटी की ना सिर्फ ख्वाहिश पूरी भी है बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया है कि बेटियां किसी पर बोझ नहीं, बेटा और बेटी में कोई अंतर भी नहीं, जितना अधिकार समाज मे बेटों को है उतना ही अधिकार बेटियों को भी दिया जाए।

जिसने भी देखा वह देखता ही आएगा, नजारा ही कुछ ऐसा था की दलहन घोड़ी पर सवार थी और बारात दूल्हे के घर रवाना हो रही थी, सतना के कृष्ण नगर इलाके में रहने वाले नरेश बलेजा की इकलौती बेटी दीपा की शादी का दृश्यदीपा की शादी कोटा में रहने वाले एक परिवार में तय हुई, बेटी की ख्वाहिश थी कि वह बेटों की तरह घोड़ी पर बैठ कर अपने दूल्हे के घर जाए इस ख्वाहिश को परिवार ने पूरा किया है, यही नहीं परिवार बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं समझता अपनी बेटी की शादी वह एक बेटे की तरह धूमधाम से करना चाहते थे, लिहाजा बड़े धूमधाम के साथ बेटी की बारात निकाली गई, पता चला है की कई सालों बाद उनके परिवार में एक बेटी हुई है। वे अपनी बेटी को बेटे से भी ज्यादा प्यार करती है। अक्सर समाज में बेटों को प्राथमिकता दी जाती है।लिहाजा वह अपनी बेटी की बारात निकाल कर समाज को यह मैसेज देना चाहती हैं की बेटियों का सम्मान करें क्योंकि बेटी है तो कल है।