बड़ी ख़बर

खून की कमी से जूझ रही हैं पटना कॉलेज की छात्राएं,30 मे 12-15 छात्राएं एनिमिक

पटना। पटना में कॉलेज गोइंग छात्राएं खून की कमी से जूझ रही हैं। जेडी वीमेंस महिला कॉलेज की 30 में से 15 छात्राएं एनिमिक हैं। कॉलेज के हेल्थ सेंटर द्वारा अलग-अलग दिनों में लगाये गये रक्तदान शिविर से ये बातें सामने आयी हैं। शिविर में छात्राएं रक्तदान करने आयी थीं लेकिन एनिमिक होने के कारण इन्हें लौटा दिया गया।

कॉलेज प्रशासन की मानें तो अभी पांच हजार छात्राएं नामांकित हैं। अब तक तीन बार रक्तदान शिविर लगाया जा चुका है। इसमें 500 से अधिक छात्राएं शामिल हुई हैं। इनमें दो से ढाई सौ छात्राएं एनिमिक पायी गई हैं। यही स्थिति गंगा देवी महिला कॉलेज की भी है। कॉलेज के हेल्थ सेंटर की रिपोर्ट की मानें तो हर 40 पर 15 से 20 छात्राएं एनिमिक हैं। कॉलेज में अभी ढाई हजार के लगभग छात्राएं पढ़ रही हैं। इनमें 1200 से 1400 छात्राओं में खून की कम पाई गई है। अरविंद महिला कॉलेज में 50 में 22 छात्राओं में एनिमिया मिली है।

होती है नियमित जांच 

ज्ञात हो कि राज्य स्वास्थ्य समिति और बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा कई महिला कॉलेज परिसर में हेल्थ सेंटर खोला गया है। कॉलेज प्रशासन द्वारा नियमित रूप से रक्तदान शिविर और स्वास्थ्य शिविर लगाया जाता है। इसमें छात्राओं के स्वास्थ्य की जांच की जाती है।

एनिमिक होने के कारण

● बिना खाना खाए कॉलेज आना

● फास्ट फूड का अधिक सेवन

cg

● कॉलेज कैंटीन के भरोसे रहना

● पौष्टिक खाना से दूर रहना

दी जाती है उचित सलाह 

कॉलेज प्रशासन के हेल्थ सेंटर की मानें तो 30 से 35 फीसदी छात्राओं में हिमोग्लोबिन नौ से दस रहता है। कुछ छात्राओं में तो सात से आठ फीसदी हिमोग्लोबिन पाया गया है। ऐसी छात्राओं को नियमित काउंसिलिंग करवायी जाती है। साथ में आयरन, कैल्शियम आदि दवा दी जाती है। पटना वीमेंस कॉलेज प्रशासन की मानें तो रक्तदान शिविर से छात्राओं के एनिमिक होने का पता चला। कॉलेज की काउंसिलिंग सेंटर के अनुसार कॉलेज की तरफ से लगाये गये रक्तदान शिविर में एक हजार छात्राएं शामिल हुईं। इनमें साढ़े चार सौ छात्राओं में खून की कमी मिली। मगध महिला कॉलेज में पांच हजार के करीब छात्राएं नामांकित हैं।

चक्कर, पेट दर्द, सिर दर्द की करती हैं शिकायत

गंगा देवी कॉलेज की डायटिशियन डॉ. विद्या बताती हैं कि आए दिन छात्राओं में चक्कर, पेट या सिर दर्द की शिकायत आती है। बात करने पर पता चलता है कि ये सुबह से भूखी हैं। उन्होंने बताया कि 40 फीसदी छात्राएं समय से खाना नहीं खाती हैं। अल्प आहार लेती हैं। कॉलेज के बाहर फास्ट फूड खाकर काम चलाती है।

छात्राओं को एनिमिक होने का पता नही होता है

जेडी वीमेंस कॉलेज की हेल्थ नोड पदाधिकारी हिना रानी ने कहा कि अब तक तीन बार रक्तदान शिविर लगाया गया है। इसमें अब तक पांच सौ से अधिक छात्राएं शामिल हुई हैं। इनमें हर 30 छात्राओं में 12 से 15 छात्राएं एनिमिक थीं। इस कारण वो रक्तदान नहीं कर पायीं। ऐसी छात्राओं को चिह्नित करके हम उनके पौष्टिक खानपान का ख्याल रख रहे हैं। गंगा देवी महिला कॉलेज की प्राचार्या मानी बाला कहती हैं कि हेल्थ सेंटर से छात्राओं के स्वास्थ्य की जानकारी मिलती है। जो भी छात्राएं एनिमिक मिलती हैं, उनकी हम नियमित काउंसिलिंग करते हैं। कई छात्राओं को तो पता नहीं होता है कि वो एनिमिक हैं। ऐसे में उन्हें एनिमिया के लक्षण आदि भी बताए जाते हैं।