ITBP : ट्रेकिंग अभियान में मृत पश्चिम बंगाल के 2 ट्रेकर्स के शवों के साथ 4 पोर्टर्स को आईटीबीपी (ITBP) के जवानों ने काजा प्रशासन को सौंप दिया. गुरुवार को रेस्क्यू किए गए 4 कुलियों को काजा अस्पताल में निगरानी में रखा गया है. 17वीं बटालियन ITBP के जवानों द्वारा शवों को ग्लेशियर पॉइंट (लगभग 18000 फीट) से निकटतम रोड हेड तक स्ट्रेचर पर लगभग 27 किलोमीटर दूरी तय करते हुए पैदल लाया गया.
नई दिल्ली/काजा | हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में उच्च ऊंचाई वाले एक ट्रेकिंग अभियान में मृत पश्चिम बंगाल के 2 ट्रेकर्स के शवों के साथ 4 पोर्टर्स को आईटीबीपी (ITBP) के जवानों ने काजा प्रशासन को सौंप दिया. गुरुवार को रेस्क्यू किए गए 4 कुलियों को काजा अस्पताल में निगरानी में रखा गया है. 17वीं बटालियन ITBP के जवानों द्वारा शवों को ग्लेशियर पॉइंट (लगभग 18000 फीट) से निकटतम रोड हेड तक स्ट्रेचर पर लगभग 27 किलोमीटर दूरी तय करते हुए पैदल लाया गया. इस तरह बचाव अभियान ने अपना मिशन पूरा किया और कुल 15 लोगों को रेस्क्यू करने में सफलता पाई.


दरअसल, हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में मनाली-खामेंगर दर्रा-मणिरंग के ऊंचे इलाकों की ओर बचाव अभियान के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सेना और नागरिक प्रशासन की एक संयुक्त टीम को 28 सितंबर को काजा से रवाना किया गया था.यह ट्रेकिंग अभियान 17 सितंबर को मनाली से शुरू हुआ था. 24 और 25 सितंबर को जब टीम खामेंगर दर्रे से गुजर रही थी, तब 2 सदस्य- संदीप कुमार ठाकुरता (48) और भास्करदेव मुखोपाध्याय (61) (दोनों पश्चिम बंगाल से) की माउंटेन सिकनेस के कारण मृत्यु हो गई थी.
आईटीबीपी को इस प्रकार के ऊंचाई पर खोज और बचाव कार्यों के लिए विशिष्टि प्राप्त है. साल 2019 में आईटीबीपी ने यूनाइटेड किंगडम के 4 पर्वतारोहियों को बचाया था और इसके पर्वतारोही एक कठिन मिशन ‘ऑपरेशन डेयरडेविल्स’ चलाकर नंदा देवी पूर्व के पास एक पर्वत (20,000 फीट) से 7 शवों (6 विदेशी नागरिकों सहित) को लेकर नीचे आए थे.