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गलत सूचना से छूटी सैकड़ों यात्रियों की ट्रेन प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

दानापुर टाटा एक्सप्रेस से जमुई, मधुपुर, चितरंजन, आसनसोल होते टाटा व अन्य स्टेशनों को जाने वाले सैकड़ों यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर इंतजार कर रहे थे। इसी बीच रेलवे के डिजिटल बोर्ड व उद्घोषणा प्रणाली के जरिए इस ट्रेन के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर आने की सूचना जारी हो गई। आनन-फानन में ट्रेन के कमोबेश सभी यात्री प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आ गए। यात्री प्लेटफॉर्म संख्या एक पर ट्रेन के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन ट्रेन नहीं आई। इसी बीच पता चला कि प्लेटफॉर्म संख्या तीन से ही ट्रेन आकर चली गई। जब तक यात्रियों को पता चला तो ट्रेन के गार्ड व यात्रियों ने वैक्यूम यानी एसीपी अप्लाई की, लेकिन तब तक ट्रेन जंक्शन परिसर को छोड़ यार्ड तक पहुंच गई थी।

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यार्ड में ट्रेन 20 मिनट तक खड़ी रही। इस बीच कुछेक यात्रियों ने पैदल जाकर ट्रेन पकड़ लिया। लेकिन महिला, बच्चे व बुजुर्ग यात्री जंक्शन के प्लेटफॉर्म एक पर ही रह गए। ट्रेन छूटने व गलत उद्घोषणा से आक्रोशित यात्रियों ने वीवीआईपी रूम के पास जमकर हंगामा किया। रेलवे अधिकारियों ने हंगामे व मामले की सूचना दानापुर कंट्रोल को दी। फिर आनन-फानन में कंट्रोल ने दानापुर से राजगीर जाने वाली ट्रेन से यात्रियों को ट्रेन पकड़ाने का आश्वासन दिया, तब यात्री शांत हुए। इसके बाद जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर इस ट्रेन को लगाया गया व दानापुर टाटा के यात्रियों को बख्तियारपुर के पास टेकाबिगहा स्टेशन पर मेल दिया गया। वहीं, इस मामले में रेलवेद्वारा उद्घोषणा प्रणाली की व्यवस्था निजी एजेंसी व दक्ष कर्मियों के हाथों में नहीं होने के मामले में भी सवाल उठने लगे हैं। पहले भी इस तरह की लापरवाही से यात्री परेशान होते रहे हैं।

डी आर एम ने दिए जाँच के आदेश 

डीआरएम सुनील कुमार के निर्देश पर जंक्शन निदेशक डॉ. नीलेश कुमार ने मामले की गहनता व सूक्ष्मता से जांच की। जांच में आरआरआई के पीए ने स्पष्टीकरण दिया है कि उसने उद्घोषणा कर्मी को ट्रेन नंबर 08184 दानापुर टाटा एक्सप्रेस के प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर आने की सूचना दी थी। रिकॉर्ड में भी प्लेटफॉर्म नंबर तीन अंकित है। वहीं, उद्घोषणा करने वाली एजेंसी के अंकित राज ने भी अपने सिस्टम में प्लेटफॉर्म संख्या तीन अंकित किया। लेकिन अंतिम समय में उसने रिफ्रेश बटन दबाया तो पहले के डाटा के अनुरूप डिस्प्ले व उद्घोषणा में प्लेटफॉर्म नंबर एक हो गया। इसी गलती की वजह से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी। उद्घोषणा कर्मी ने भी लिखित रूप से अपनी गलती स्वीकार की है। साथ ही इस मामले में आरआरआई के पीए राजेश कुमार अपने स्तर से सही पाए गए हैं।