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मुख्यमंत्री ने दिया अत्याधुनिक हाईफाई कचरा संसोधन यन्त्र की सौगात

विंध्य क्षेत्र के लोगों की बिनियादी जरूरतों को पूरा करने किया एलान

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सतना/रामनगर/रीवा :  विंध्य क्षेत्र को मिली कचरे की सौगात,संशोधन सयंत्र बताएगा क्षेत्र की औकात,विंध्य क्षेत्र की पावन धरा जो देशों- दुनियां में किसी परिचय की मोहताज नही है,इतिहास गवाह है कि सफेद शेरो का जंहा यही से आबाद है,जैसा कि इन दिनों प्रदेश सरकार ने विकास के लिए सरकारी खजाने खोल रखे है,कही ठेके पर आरसीसी/पीसीसी सड़के बन रही है,तो कही फ्लाई ओवर,तो कही स्मार्ट सिटी का ढक्कन है तो कही,स्टेडियम,बाईपास का निर्माण,कही नहरों का जाल, तो कही बेयर हाउसों का जलजला,कही कोरोना की पट्टी है तो कही,पिछड़े अगड़े आरक्षण का हलहला,इन सबके बीच विंध्य क्षेत्र को मान्यनीय प्रदेश के मुखिया जी ने गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर अत्याधुनिक हाईफाई कचरा संसोधन यन्त्र की सौगात ,जिसके माध्यम से क्षेत्रीय,प्रदेश,देश व दुनिया भर के कचरे का निष्पादन करके,क्षेत्र वासियो को इसका लाभदायक परिणाम मिल सकेगा| इन दिनों देश व प्रदेश में आरक्षण हटाने की मांग के साथ अलग विंध्यक्षेत्र की जरूरत पर भी जन प्रतिनिधि व जनता एक हो रहे है,जिस सम्बन्ध में मैहर विधायक आदरणीय नारायण त्रिपाठी जी ने पहल भी चालू कर दी है,जिसके चलते अब सरकार इन दिनों गरीब सामान्य,सवर्ण के नाम पर तथाकथित दस प्रतिशत आरक्षण देने व सवर्ण आयोग के गठन की बाते करने लगे है,देश मे लागू आरक्षण के प्रभावों पर अब गौर करना लाजिमी होगा| हर क्षेत्र में,नगरीय,जनपद,ग्राम पंचायती चुनावी फिजा में जंहा आरक्षण के माध्यम से अयोग्य,हाथों में जिम्मेवारी,जबाबदारी देकर ,बन्दर के हाँथ में उस्तरा थमाकर ,खुद को सुरक्षित समझने की भूल ही भारतीय राजनीति के लिए किसी सबक से कम नही होगी,आज अव्यवस्था का जो आलम सामने है,वह इन्ही मानकों पर खरा उतरता है|हमारे देश आधारभूत सत्य मेव जयते के प्राकृतिक विधान व संविधान के नाम पर खेल खेलने की आज़ादी ने ही आज हमें कोरोना की गुलामी करने पर मजबूर किया है|विंध्य क्षेत्र की नदियोँ, पहाड़ियों,कन्दराओं,जंगलो, महलो,खेतो ,खलिहानों,मन्दिरो,किलो,तालाबो,जन जातियों,जातियों,किवदंतियों,का इतिहास सनातन,प्राचीन,कथा पुराणों,में भी है,यँहा की तपोभूमि,को मरुभूमि में बदलने का श्रेय भी हमारे ही जन नायको,सेवादारों,समाजसेवकों, जनसेवकों को ही जायेगा|पुरातत्व व पर्यटन के क्षेत्र में इस क्षेत्र से ज्यादा सन्दर्भित प्रसंग शायद ही कोई हो,पर सरकार इसे कचरा हब ही बनाना चाहते है तो बहुत ही अच्छा है,कारण क्षेत्र में ही सबसे ज्यादा सीमेंट कारखाने है,धुंए के बादल,खदाने व खाईयां भी यही है,रेलवे लाइन व स्टेशन भी है, जंगल बड़ी तेजी से कम हो रहे है,दुनिया भर की नशीली सामग्री यही खप रही है|पन्नियों,रसायन,उद्द्योगो की भरमार है,बाणसागर बहु उद्देशीय परियोजना अलग से,कुल मिलाकर आम जनता को यह सौगात सहेजकर रखनी होगी,जिससे दुनियां भर के कचरे को गला कर खरा सोना पैदा किया जा सके|