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बैजनाथ मंदिर में मिले 1000 साल पुराने सिक्के

बैजनाथ मंदिर नागर शैली में बना हिंदू मंदिर है. इसे 1204 ईस्वी में अहुका और मन्युका नामक दो स्थानीय व्यापारियों ने बनवाया था. यह वैद्यनाथ (चिकित्सकों के प्रभु) के रूप में भगवान शिव को समर्पित है.

बैजनाथ (कांगड़ा)| हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा  जिले में बैजनाथ  में महाकाल मंदिर न्यास में जीर्णोद्धार के दौरान जलहरी के नीचे पुराने सिक्के मिले हैं. उल्लेखनीय है कि स्वामी रामानंद चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से महाकाल मंदिर के अंदर शिवलिंग  के चारों तरफ लगी संगमरमर की जलहरी की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. यह कार्य राजस्थान के प्रसिद्ध शिल्पकार गजानंद की ओर से किया जा रहा है. इस दौरान शनिवार को शिवलिंग के नीचे 500 बरस पुराने सिक्के मिले हैं.
क्या कहते हैं पुजारी
मन्दिर के पुजारी राम कुमार मिश्रा ने बताया कि शिव मंदिर की जलेहरी साफ करते वक़्त उन्हें करीब 600 से अधिक प्राचीन दुर्लभ सिक्के मिले, जिसमें से 50 सिक्के अति दुर्लभ हैं. उन्होंने बताया कि यह सिक्के तांबे के हैं और करीब 1000 साल पुराने हो सकते हैं. इन सिक्कों की जांच पुरातत्व विभाग करेगा व मन्दिर कमेटी का कहना है कि इन सिक्कों को संग्रहालय में रखा जाए. बताया जा रहा है कि कुछेक सिक्कों में कुछ भी नहीं लिखा हुआ है और यह गोल छेद वाले हैं और कुछ सिक्कों पर टांकरी और मुगल समय की भाषा लिखी हुई है.

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प्रसिद्ध है बैजनाथ मंदिर
बैजनाथ मंदिर नागर शैली में बना हिंदू मंदिर है. इसे 1204 ईस्वी में अहुका और मन्युका नामक दो स्थानीय व्यापारियों ने बनवाया था. यह वैद्यनाथ (चिकित्सकों के प्रभु) के रूप में भगवान शिव को समर्पित है. शिलालेखों के अनुसार, मौजूदा बैजनाथ मंदिर के निर्माण से पूर्व इसी स्थान पर भगवान शिव के पुराने मंदिर का अस्तित्व था. मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग है. बाहरी दीवारों पर अनेकों चित्रों की नक्काशी हुई है.