सिंगरौली। भू-अभिलेखागार में 45 मिनट तक कलेक्टर राजीव रंजन मीना निरीक्षण करते रहे। अचानक अभिलेखागार में कलेक्टर की धमक होने से दफ्तर में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई। विधिवत अभिलेखागार में कैसे दस्तावेज तैयार कर आवेदको को उपलब्ध कराया जाता है उन बारीकियो का गहन पड़ताल किया। कलेक्टर ऐसा इसलिये किये क्योंकि उन्हें लंबी शिकायत मिली थी। इस दौरान कुछ कमियां भी कलेक्टर के हाथ लगी जहां अभिलेखागार के कर्मचारियों को जमकर डॉट फटकार लगाई।

भू-अभिलेखागार में अंधेरगर्दी बोलबाला था। आवेदक जमीन के दस्तावेज लेने आते थे आवेदन करते थे नकल उपलब्ध कराने के नाम पर आवेदको से जमकर वसूली की जाती थी और यह लगातार जारी है। लोग मजबूर होकर भू-अभिलेखागार के कर्मचारियों को रिश्वत देते थे। क्योंकि जब तक उनको शुल्क नही मिलता था तब तक नकल उपलब्ध नही होती है। अभिलेखागार के इस भर्रेशाही से आमजन मानस काफी परेशान रहता था। यह सब अंधेरगर्दी उस जगह हो रही थी जहां कलेक्टर का दफ्तर हो।कलेक्ट्रेट कार्यालय के अंदर हो रहे इस सुविधा शुल्क की जमकर किरकिरी हो रही थी। इस बेजा वसूली को लेकर कई समाचार पत्रो ने प्रमुखता से प्रकाशित भी किया था। वहीं भू-अभिलेखागार में पैसे के लेनदेन को लेकर शिकायत कलेक्टर से की गई। कलेक्टर मंगलवार को जनसुनवाई में बैठे थे।

जनुसनवाई से अचानक उठे और बिना बताए भू-अभिलेखागार दफ्तर के अंदर प्रवेश किये। कलेक्टर को देख अभिलेखागार के कर्मचारियों में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो गई। कलेक्टर किसी भी कर्मचारी को मौका नही दिये और सवाल पर सवाल करने लगे। कई सवालो का जवाब देने में कर्मचारियों के पसीने छूटने लगे। कलेक्टर निरीक्षण में एक-एक बारीकियो को विधिवत समझा। यहां तक कि आवेदन कैसे होता है कितने समय में आवेदक को नकल उपलब्ध कराई जानी चाहिए और कहां-कहां प्रक्रिया होती है तब नकल उपलब्ध होती है।
इन सभी दस्तावेजो के बारे में छानबीन की। इसके बावजूद कलेक्टर को लगा की कुछ कमी अभी भी है। तो तत्काल कम्प्यूटर खुलवाया और कम्प्यूटर मेंं दस्तावेज कैसे लोड होता है उसके बारे में भी पूछा। कमियां जो भू-अभिलेखागार में थी उसको छिपाने का प्रयास कर्मचारियों के द्वारा किया जा रहा था लेकिन कलेक्टर भी भाप गये और तत्काल तेवर में आते हुये सख्त हिदायत दिये की किसी भी आवेदक को अगर परेशान किया जायेगा तो बक्शा नही जायेगा।
कमियों पर लगाई फटकार
भू-अभिलेखागार में जब कलेक्टर पहुंचे और 45 मिनट तक अभिलेखागार के दस्तावेजों के बारे में पूछताछ करते रहे तो कर्मचारियों के भी पसीने छूट गये। कर्मचारी भाप नही पाये की अचानक कलेक्टर कैसे पहुंच आये। कलेक्टर निरीक्षण के दौरान काफी कमियों को देखा और जमकर फटकार लगायी। जिस कक्ष में कम्प्यूटर से फीडिंग होती है और इसके बाद अभिलेखागार के कर्मचारी दस्तावेज जिस कक्ष से खंगालकर नकल तैयार करते हैं उस कक्ष में जब कलेक्टर पहुंचे तो वहां उन्हें कमिंया महसूस हुई। उस समय मीडिया भी अंदर प्रवेश कर गई। लेकिन मीडिया को बाहर भेजने का प्रयास किया जा रहा था। इस दौरान कलेक्टर कर्मचारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई।