पटना. बिहार की राजधानी पटना में डॉक्टर के साथ मारपीट करना एक ASI को महंगा पड़ गया. पुलिस ने मारपीट के आरोप में ASI को गिरफ्तार कर लिया है. घटना राजधानी के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के मलाही पकड़ी इलाके की है. अरक पर आरोप है कि वह बेटे के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए डॉक्टर कैप्टन विजय शंकर सिंह के साथ उलझ गया था. स्पेशल ब्रांच में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर का नाम हरिनारायण सिंह है.


इस घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया. डॉक्टर ने अरक पर मारपीट के अलावा धमकी देने सहित गंभीर आरोप लगाए हैं. डॉक्टर की शिकायत के बाद एक्शन में आई पुलिस ने अरक को गिरफ्तार कर लिया. डॉक्टर की मानें तो वह दिल्ली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने निकले थे, लेकिन इसी बीच अरक ने अपने बेटे और 5 दूसरे लोगों के साथ उनकी क्लीनिक पर पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया. डॉक्टर की माने तो उन्होंनेASI को बताया कि वह एक जरूरी काम से दिल्ली जा रहे हैं. इस पर अरक नाराज हो गया और डॉक्टर के साथ मारपीट कर दी. इतना ही नहीं जब क्लीनिक में मौजूद दूसरे कमर्चारी समझाने-बुझाने लगे तब अरक उनसे भी उलझ गए. मामला इस कदर उलझ गया कि डॉक्टर के कमर्चारियों को पुलिस को सूचना देनी पड़ी.
वहीं, ASI के बेटे की मानें तो बीते 4 जनवरी को उनका कैप्टन डॉ. विजय शंकर सिंह के क्लीनिक पर प्लास्टर हुआ था. 4 मार्च को प्लास्टर हटाया गया. मरीज की मानें तो प्लास्टर ठीक से नहीं करने के कारण उसका पैर मुड़ गया था. इस बात की शिकायत और इलाज करवाने के लिए वह दोबारा डॉक्टर के पास पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टर के कमिर्यों ने उनके पिता के साथ ही मारपीट की घटना को अंजाम दे दिया. आरोपीASI के बेटे की मानें तो उनके पिता की कोई गलती नहीं है, फिर भी पुलिस ने उनके पिता पर कारर्वाई की है. हालांकि, पैर मुड़ने के कारणों को लेकर डॉक्टर की मानें तो अरक के बेटे नयन की गलती के कारण ही पैर मुड़ गया है. डॉक्टर की दलील है कि वह प्लास्टर वाले पैर से ही चलने लगा होगा, लिहाजा उसका पैर मुड़ गया. डॉक्टर ने दावा किया कि मेडिकल बोर्ड द्वारा इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए, तब सच्चाई खुद-व-खुद सामने आ जाएगी.