ग्वालियर[मध्यप्रदेश] .घूसखोरों में रिश्वत लेने की भूख किस कदर हावी रहती है, इसका नज़ारा ग्वालियर में देखने मिला.24 घंटे पहले हादसे में घायल हुए तहसीलदार के एक क्लर्क ने रिश्वत लेने के लिए किसान को अस्पताल में ही बुला लिया.घायल क्लर्क ने जैसे ही रिश्वत का रुपया पकड़ा, पहले से तैयार खड़ी लोकायुक्त टीम ने उसे तुरंत दबोच लिया.


ग्वालियर के हुरावली में रहने वाले जगदीश सिंह राणा पेशे से किसान हैं.वो मूलतः भिंड जिले के इटायली गांव के रहने वाले हैं. गांव में राणा की करीब 6 बीघा खेती की जमीन है. इस जमीन के नामांतरण के लिए जगदीश ने करीब तीन साल पहले मौ तहसील में आवेदन दिया था.वहां पदस्थ क्लर्क श्रीकृष्ण बोहरे नामांतरण में अड़ंगे लगा रहा था.जमीन नामांतरण के लिए बाबू ने 30 हज़ार रुपए की रिश्वत मांगी थी.किसान जगदीश ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी.जांच के लिए लोकायुक्त ने बाबू और जगदीश की बातचीत रिकॉर्ड कराई.इसी आधार पर क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.
घायल होने के बाद भी नही गया रिश्वत का मोह
मंगलवार को रिश्वत की रकम देने की बात तय हुई थी, लेकिन क्लर्क श्रीकृष्ण बोहरे का एक्सीडेंट हो गया.उनकी आंख और हाथ में चोट आयी. बुधवार को जगदीश ने क्लर्क श्रीकृष्ण को फोन लगाया तो उसने बताया कि मैं सिटी सेंटर के आई हॉस्पिटल में एडमिट हूं. यहां रुपए लेकर आ जाओ. जगदीश ने लोकायुक्त को सूचना दे दी. लोकायुक्त इंस्पेक्टर कवींद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में टीम ने जाल बिछाया. हॉस्पिटल जाकर किसान जगदीश ने क्लर्क श्रीकृष्ण बोहरे को 20 हज़ार रुपये की नकदी थमा दी.बोहरे नोट गिन रहा था उसी दौरान लोकायुक्त इंस्पेक्टर कविन्द्र सिंह ने उसे दबोच लिया.
लोकायुक्त को देखते ही वो कहने लगा कि ये रुपये उसने जगदीश राणा से उधार लिए हैं. लोकायुक्त ने नोट लेकर क्लर्क के हाथ धुलवाए तो वो लाल हो गए. उसके बाद लोकायुक्त की टीम अगली कार्रवाई में जुट गई.