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मध्य प्रदेश अनुकंपा नियुक्ति के नियम व शर्तों में महत्वपूर्ण बदलाव

भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति के नियम व शर्तों में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने का फैसला किया है। नए नियमों का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। जल्द ही इसे कैबिनेट में लाया जाएगा और मंत्री परिषद की मंजूरी के बाद लागू हो जाएगा।
अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले को परिवार का पालन पोषण करना होगा

इस समय मप्र में सालों से पेंडिंग चल रहे अनुकंपा के 8000 से 10000 प्रकरण हैं। नए प्रावधानों का खाका लगभग तैयार है। उसे शासन में उच्च स्तर पर भेजा जा चुका है। जल्द ही इसे हरी झंडी देकर कैबिनेट में लाया जाएगा। नए प्रावधानों में माता-पिता के साथ छोटे-भाई बहनों को भी साथ रखने की शर्त जोड़ी जा रही है। यानी अनुकंपा नियुक्ति पाने वाला व्यक्ति अपने परिवार के पालन पोषण से इनकार नहीं कर सकता। यदि वह ऐसा करता है तो उसकी सेवाएं समाप्त हो जाएंगे।

मध्यप्रदेश में रिक्त पड़े आरक्षित पदों को सामान्य श्रेणी से भरा जाएगा

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इसी तरह यदि आरक्षित श्रेणी में भी पद रिक्त हैं तो कोई कैंडिडेट नहीं है तो उसे सामान्य वर्ग से भरा जा सकेगा। आरक्षित पद पर सामान्य श्रेणी आ भी जाता है तो उसे सामान्य श्रेणी में आगे बढ़ना होगा। लंबे समय से यह मांग उठ रही था कि अनुकंपा की शर्तों के कारण लगातार मामले पेंडिंग होते जा रहे हैं। नियुक्ति के लिए पद नहीं मिल रहे। नए प्रावधानों से नौकरी मिलने का रास्ता साफ होगा।

बेरोजगार पति को अनुकंपा नियुक्ति में आयु सीमा की छूट मिलेगी

अभी अधिकारी-कर्मचारी पति के निधन पर पत्नी को 45 वर्ष तक अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता थी। यदि पत्नी सर्विस में है और उसका निधन हो जाता है तो पति के लिए आयु की यह छूट नहीं थी। इसे अब नए प्रावधानों में शामिल किया जा रहा है।

अनुकंपा नियुक्ति के लिए 7 साल की शर्त खत्म, कभी भी आवेदन कर सकते हैं

अनुकंपा नियुक्ति के मामले में वर्तमान में यह प्रावधान है कि निधन से लेकर सात साल तक ही वह नौकरी के लिए पात्र रहता था। इस दरमियान अनुकंपा नियुक्ति लेने वाले को बालिग होना चाहिए। इसी तरह एक साल के भीतर उसे आवेदन भी करना होता है। अब यह बंधन नहीं होगा। जब तक पद रहेगा, अनुकंपा लेने वाला व्यक्ति पात्र बना रहेगा। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि पद की पात्रता रखने तक वह पात्र रहेगा। आवेदन भी वह कभी भी कर सकेगा।