क्रेजचिकोवा-राम ने मैट इबडन ओर सैम स्टोसुर की जोड़ी को 6-1 6-4 से शिकस्त दी
नई दिल्ली. बारबोरा क्रेजचिकोवा और राजीव राम की जोड़ी ने शनिवार को ऑस्ट्रेलियाई ओपन का मिकिस्ड डबल्स खिताब अपने नाम किया. इस मिकिस्ड डबल्स जोड़ी ने 2019 में भी ऑस्ट्रेलिया ओपन जीता था. क्रेजचिकोवा की यह लगातार तीसरी ट्राफी है. उन्होंने और राम ने मिकिस्ड डबल्स फाइनल में मैट इबडन ओर सैम स्टोसुर की ऑस्ट्रेलिया की वाइल्ड कार्डधारी जोड़ी को 6-1 6-4 से शिकस्त दी. क्रेजचिकोवा ने पहला ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब राम के साथ दो साल पहले जीता था. उसके बाद उन्होंने क्रोएशिया के निकोला मेकटिच के साथ पिछले साल यह ट्रॉफी हासिल की थी.

महिला सिंगल्स चैंपियन बनीं नाओमी ओसाका

जापान की नाओमी ओसाका ने शनिवार को को महिला सिंगल्स के फाइनल में में जेनिफर ब्रैडी को सीधे सेटों में हराकर ऑस्ट्रेलियाई ओपन खिताब अपनी झोली में डाला जो उनकी चौथी ग्रैंडस्लैम ट्रॉफी है. ओसाका ने ग्रैंडस्लैम में आठवीं बार खेलते हुए चौथा खिताब जीता, उन्होंने फाइनल में लगातार छह गेम हासिल कर 6-4, 6-3 से जीत दर्ज की. अपनी मजबूत सर्विस से ओसाका ने छह ऐस जमाकर मेजर फाइनल्स का स्कोर 4-0 किया और मोनिका सेलेस के 30 साल पहले इस तरह से अपना करियर शुरू करने के बाद वह ऐसा करने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं.
ओसाका ने पिछले साल अमेरिकी ओपन खिताब जीता था. उन्होंने 2018 में अमेरिकी ओपन और 2019 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन की ट्राफी हासिल की थी. तेईस साल की ओसाका का जन्म जापान में हुआ लेकिन जब वह तीन वर्ष की थी अपने परिवार के साथ अमेरिका बस गयी थीं. वहीं 25 वर्षीय अमेरिकी खिलाड़ी ब्रैडी अपना पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल खेल रही थीं. जब वह जनवरी में ऑस्ट्रेलियाई आयी थी तो उन्हें फ्लाइट में किसी के कोविड-19 पॉजिटिव आने के कारण 15 दिन कड़े पृथकवास से गुजरना पड़ा था.
मेंस सिंगल्स फाइनल में जोकोविच और दानिल मेदवेदेव के बीच टक्कर
दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविच रविवार को जब ऑस्ट्रेलियाई ओपन फाइनल में उतरेंगे तो उनकी नजरें मेलबर्न पार्क पर नौवे और करियर के 18वें ग्रैंडस्लैम पर लगी होंगी जबकि उनके विरोधी दानिल मेदवेदेव पहला खिताब जीतने की कोशिश में होंगे. जोकोविच से ज्यादा ग्रैंडस्लैम पुरूष टेनिस में रोजर फेडरर और रफेल नडाल ने जीते हैं जिनके नाम 20 खिताब हैं . मेदवेदेव अमेरिकी ओपन फाइनल हार गए थे और इस बार वह पहले ग्रैंडस्लैम खिताब को जीतने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहते .