समिति ने यह भी फैसला किया है कि कोई राजनीतिक कार्यकर्ता भी अपने खिलाफ दर्ज मामले की वापसी के लिए खुद भी सीधे गृह मंत्री, जिले के एसपी या थाने में आवेदन दे सकता है। बैठक में ऐसी 16 धाराओं की पहचान की गई है, जिसके तहत दर्ज मामले वापस लिए जा सकते हैं। इनसमें धरना, प्रदर्शन, चक्काजाम जैसे मामले शामिल हैं।

बैठक के बाद गृह मंत्री साहू ने इस संबंध में पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लंबित राजनीतिक प्रकरणों की वापसी प्रक्रिया में गति लाने के निर्देश दिए गए।

गृह मंत्री साहू की अध्यक्षता में उनके अवास पर हुई इस बैठक में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया और विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर मौजूद रहे। बैठक में सभी राजनीतिक प्रकरणों की सूची तैयार करने और जिला स्तर पर जानकारी तैयार कर समिति के समक्ष रखने के निर्देश दिए गए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू सहित गृह और विधि-विधायी एवं अभियोजन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

– 16 तरह की धाराओं में दर्ज मामलों की वापसी पर होगा विचार

– मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में आई कम जानकारी पर नाखुश दिखे मंत्री

– हर महीने होगी बैठक जिलों को पूरी जानकारी के साथ रिपोर्ट भेजने के निर्देश

– राजनीतिक प्रकरणों की वापसी प्रक्रिया में गति लाने के निर्देश

पुलिस अधीक्षकों को सभी थानों से जानकारी एकत्र करने के निर्देश

अफसरों के अनुसार मंत्रिमंडलीय उपसमिति के समक्ष विचार के लिए करीब एक दर्जन से कुछ अधिक मामले ही रखे गए थे, जबकि ऐसे मामलों की संख्या हजारों में है। अफसरों ने बताया कि ऐसा वापसी योग्य मामलों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण हुआ है। थानेदार ही नहीं पुलिस कप्तान भी इस बात ने अनभिज्ञ हैं कि कैसे इसे प्रकरण समिति के सामने रखना है।

कई मामले में कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है तो बहुत से मामलों में केवल अपराध दर्ज है। गुस्र्वार की बैठक में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि 16 तरह की धाराओं में दर्ज प्रकरण वापस होंगे। इसके आधार पर सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।