संत कबीर के जीवन मूल्य एवं समाज दर्शन के विषय पर आधारित
दुर्ग (दबंग प्रहरी)। सेठ आरसीएस कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय एवं हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के संयुक्त तत्वाधान में आज संत कबीर के जीवन मूल्य एवं समाज दर्शन के विषय पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुणा पलटा, मुख्य वक्ता के रूप में आरडीजी महिला महाविद्यालय अकोला महाराष्ट्र की विभागाध्यक्ष डॉक्टर निभा एस उपाध्याय उपस्थित थे।

आजादी की 75 वी अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। दुर्ग के सुराना कॉलेज में दो दिवसीय आयोजन होना है जिसमें संत कबीर के जीवन मूल्यों एवं समाज दर्शन के बारे में जानकारी दी जाएगी।
संगोष्ठी का उद्देश्य –

मानव की मानवता को जागृत करके, उसके जीवन को सार्थक, सुखद व सफल बनाने का कारक परिवार,गुरुजन समाज और साहित्य है। इनमें से साहित्य जीवन और जगत का शाश्वत प्रकाश स्तंभ है। भारतवर्ष में संस्कृत के बाद हिन्दी – साहित्य ही इतना समृद्ध है कि हमारे जीवन को मूल्यों से अलंकृत करता है। समाज में समता, समरसता का संचार करने में सक्षम है।और बात जब कबीर की हो तो हिन्दी साहित्य अपने स्वर्णकाल के इस अद्वितीय, आत्मदर्शी संत कवि की आंखन देखी, स्वयं – सिद्ध, सहज-सरल, निष्पक्ष वाणियों से, स्वर्णिम भारत का स्वप्न देखता है। अस्तु, यह राष्ट्रीय संगोष्ठी, संत कबीर के साथ देश दुनिया की ज्वलंत समस्याओं से समाधान, सामाजिक समता, समरसता पर विमर्श है और उससे भी अधिक हमारे जीवन मूल्यों के प्रति सजगता
व निष्ठा का विकास करने का सनम्र प्रयास है। यह प्रयास स्वयं के लिए, समाज के लिए, भावी के लिए है। आपके सहयोग से हम अवश्य सफल होंगें।