*मुस्कुराइए आप कोटर में है*
मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित नगर परिषद कोटर जिसमे जिधर देखो केवल विकास ही दिखता है,लेकिन सिर्फ कागजों और बोर्ड बैनरों में। विकाश की पोल तो तब खुल गई जब अचानक आज दोपहर से शाम तक बारिश हुई चारो तरफ सिर्फ पानी ही पानी यदि इतने बड़े गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसके प्राण घर में ही निकल जाएं।क्यों की गांव से बाहर निकलने के सारे रास्तों में पानी भरा हुआ है।ये हर वर्ष होता है लेकिन यहां के अधिकारी वा जनप्रतिनिधि को कोई फर्क नही पड़ता वो अपने सिद्धांत “अपना काम बनता भाड़ में जाए जानता” में जी रहे है। जनता आज कई महीनों से अधिकारियों के ऑफिस के चक्कर काट रही है की सर बरसात में पानी की कुछ व्यवस्था कर दीजिए, और व्यवस्था कितनी हुई है उदाहरण आपके सामने है।जिनके घरों, दुकानों में पानी भरा नुकसान हुआ उसका जिम्मेदार कौन ?
फिर भी जो हुआ वो हुआ कम से कम अब तो नींद से जागो जिससे आगे ऐसी परेशानी का सामना बेचारी जनता को न करना पड़े।

