सजरा से लड़कियों का नाम गायब कर हुआ फर्जीवाड़ा, शून्य होनी चाहिए रजिस्ट्री

दुलारी कोल के अनपढ होने का फायदा उठाकर बाबर ने अपने डायवर छोटेलाल कोल के नाम करा दी रजिस्ट्री
प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री अपने भाषण के दौरान ये बात हमेशा बोलते हैं कि हम हरिजन आदिवासियों को जमीन देगें,उनका घर बनवायेगें। लेकिन मुख्यमंत्री का यह भाषण सिर्फ कागजी साबित हो रहा है। क्यों सतना में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें दुलारी कोल वगैरह की पुस्तैनी भूमि ूमाफियाओं ने हड़प ली है और वर्तमान में ये आदिवासी परिवार भूमिहीन हो चुके हैं।
शातिर जमीन व्यवसायी बॉवर खान और अमित अग्रवाल ने दुलारी कोल के अनपढ़ होने का फायदा उठाकर आदिवासियों की बेसकीमती जमीन में ब्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया है। मिले दस्तावेज के अनुसार कलेक्टर आदेश दिनांक 07.03.2005 व प्रकरण क्रमांक 12अ21/2004-05 में आराजी नं.533/2/4 रकवा 1 एकड़ 71 डिसमिल को छोटेलाल कोल से अग्रवाल परिवार संगम बेला को एग्रीमेन्ट व शासन को गुमराह कर जमीन हड़प ली गई।

नियमो का हुआ उल्लंघन, रजिस्ट्री होनी चाहिए शून्य
उक्त प्रकरण में तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी प्रतिवेदन के आधार पर ग्राम डिलौरी तह.रघुराजनगर की आराजी न. 533/2/4 रकवा 1 एकड़ 71 डिसमिल म.प्र.भू.रा.सं.1959 की धारा 165/6 के अंतर्गत इस शर्त के साथ विक्रय करने की अनुमति दी जाती है कि आवेदक भूमि विक्रय से प्राप्त राशि से सर्वप्रथम कृषि योग्य 2 एकड़ भूमि क्रय करेगा तथा उक्त भूमि का पंजीयन विक्रय की जाने वाली भूमि के साथ-साथ करवावेगा। शर्र्ते की उल्लंघन की दशा में दी गई अनुमति स्वत: निसप्रभावी होगी। मैदानी हकीकत यह है कि छोटे लाल के नाम से कृषि योग्य जमीन नहीं खरीदी गई। ऐसी स्थिति यह आदेश स्वयं निसप्रभावी है। इससे साफ साबित होता है कि दुलारी कोल की सारी जमीन भू माफिया शेख बाबर खान, अमित अग्रवाल ने षडयंत्र पूर्वक जमीन को खुर्द-बुर्द कर दी गई। और वर्तमान ये आदिवासी भूमिहीन हो चुके है। जबकि शासन नियम है कि किसी आदिवासी परिवार आप भूमिहीन नहीं कर सकते है।
क्या कहता है छोटेलाल
छोटेलाल से विगत दिवस इन जमीनों के सबंध में चर्चा कि गई तो उन्होने कहा कि मैं शेख बाबर खान के ड्रायवरी करता हूं मैने कोई भी जमीन नहीं खरीदी है मेरे पास इतने पैसे ही नहीं थे। इतना ही नहीं छोटेलाल का ये भी कहना है कि कई बार मुझे बाबर खान द्वारा गवाही के तौर पर कलेक्ट्रेट में साईन कराने ले गये है। मैने दुलारी कोल से कोई भी जमीन नहीं खरीदी और न ही मेरे द्वारा किसी को जमीन बेंची गई। मै अनपढ़ आदमी हूं जहां बाबर भाई मुझे साईन करने के लिए बोलते थे मैं वहां साईन कर देता था। मै बाबर के पिछले कई वर्षो से ड्राइवरी करता था।
पार्षद की शह पर भूमाफियाओं ने सजरे से लड़कियों का नाम किया गायब
1999 में रमेश कोल की पत्नी दुलारी कोल व उसके बच्चों के नाम से भूमाफियाओं ने फर्जी सजरा बनाकर शासन को गुमराह करते हुए लड़कियों का नाम ही सजरे से गायब कर दिया गया। और अनपढ़ आदिवासियों की सारी जमीन हड़प ली गई। अब सवाल यह उठता है कि आखिर सजरे में लड़कियों का नाम गायब कर शासन को गुमराह किया गया। आदिवासी परिवार से मिली जानकारी के अनुसार दुलारी कोल की दो बच्चियां लक्ष्मी कोल व सरस्वती कोल है। जो वर्तमान में भी जिंदा हैं। मिली जानकारी के अनुसार सरस्वती कोल द्वारा एसडीएम कोर्ट में नामांतरण शून्य के लिए आपत्ति भी लगाई गई है।