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शनिश्चरी अमावस्या पर मनाये शनिदेव को और बदलें अपना भाग्य

शनिश्चरी अमावस्या पर करें ये 5 आसान उपाय

शनिश्चरी अमावस्या 30 अप्रैल को है. शनिवार के दिन वैशाख अमावस्या तिथि होने कारण यह शनि अमावस्या है। जिसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहते हैं। शनिश्चरी अमावस्या पर साल का प्रथम सूर्य ग्रहण भी लग रहा है. वैसे तो शनि देव और सूर्य देव दोनों ही विपरीत स्वभाव के हैं, लेकिन आप शनिश्चरी अमावस्या पर कुछ उपायों से अपने भाग्य को बदल सकते हैं। इसके लिए आपको शनि देव की कृपा प्राप्त करनी होगी. जिन पर शनि देव की कृपा होती है। उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं और जीवन में उन्नति होती है।आइए जानते हैं श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी से शनिश्चरी अमावस्या पर किए जाने वाले आसान उपायों के बारे में.

 शनिश्चरी अमावस्या के उपाय

1. स्कंद पुराण के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या के दिन माही नदी में स्नान करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष की पीड़ा से राहत मिलती है। सभी दुख दूर होते हैं।

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2. शनिश्चरी अमावस्या पर शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। पूजा के समय नीले फूल, काला तिल, सरसों का तेल आदि श्रद्धापूर्वक अर्पित करना चाहिए. शनि कृपा से कार्यों में सफलता मिलेगी, कष्ट और पाप दूर ​होंगे।

3. शनिश्चरी अमावस्या के दिन आप किसी भी जरुरतमंद की मदद करें. उसे भोजन कराएं. उसे वस्त्र, जूते, चप्पल आदि दें. गरीबों की मदद करने वालों पर भी शनि देव प्रसन्न रहते हैं।

4. शनिश्चरी अमावस्या के अवसर पर आप किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर बजरंगबली को​ सिंदूर का चोला चढाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें. आपको शनि पीड़ा से राहत मिलेगी।

5. शनि देव की कृपा पाने के लिए शनिश्चरी अमावस्या पर काली उड़द, लोहा, काला या नीला कपड़ा, काला तिल, शनि चालीसा, स्टील के बर्तन आदि का दान करें. साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष का दुष्प्रभाव दूर होगा।