जमीन जमीन के मंदिर तोड़ सकते हो, लेकिन सनातनियों के दिल में बसे मंदिर कैसे तोड़ोगे – पं. प्रदीप मिश्रा
राजस्थान में मंदिर तोड़ने पर पं. प्रदीप मिश्रा ने रतलाम शिव शिवरात्री कथा के दौरान कही यह बातें : कर्म का फल तो भोगना ही पड़ेगा ,सारी की सारी डिग्रियां यहाँ इस धरती पर धरी की धरी रह जायेगी,ऊपर बाद में काम आएगा तो केवल सत्कर्म ,पूजा ,भक्ति
रतलाम । राजस्थान के अलवर में में 300 वर्ष पुराने शिव मंदिर को तोड़ने की घटना पर पंडित प्रदीप मिश्रा ने तीखी टिप्पणी की है। कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव मंदिर तोड़ने की घटना को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि तुम मंदिर तोड़ते जाओ हम बनाते जाएंगे। जमीन के मंदिर तोड़ सकते हो, लेकिन सनातनियों के दिल में बसे मंदिर को कैसे तोड़ोगे।


पंडित मिश्रा ने कहा कि यदि मंदिर हटाना ही था तो भगवान शिव और शिव परिवार की प्रतिमाएं विधि विधान से हटाकर पुरातत्व विभाग को ही सौंप देते। जैसा कर्म किया है, वैसा ही फल पाओगे। पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा श्रवण करने रतलाम के हरथली में दूसरे दिन भी जनसैलाब उमड़ा। जहां पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण की बातों को अपने जीवन में आत्मसात करने की सीख दी है।
दरअसल राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में 300 वर्ष पुराना शिव मंदिर स्थानीय प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में तोड़ दिया था। इसे लेकर विवाद और राजनीतिक बयानों का दौर गर्म है। रतलाम में श्री महाशिवपुराण कथा के लिए पहुंचे पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी मंदिर तोड़ने की घटना को गलत बताते हुए घटना के जिम्मेदारों पर तंज कसा है। इस घटना का जिक्र आने पर पंडित मिश्रा ने कहा कि जिन्हें मंदिर तोड़ना है, वह तोड़ते रहें, हम बनाते रहेंगे। मंदिर तोड़ने वाले समझ लें कि हजारों लोगों के हृदय में जो शिव बैठे हैं, उनके मंदिर को कैसे तोड़ोगे।