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एसीबी ने रास्ते में ही छापा मारकर उप निवेशन विभाग के बाबू को 18.25 लाख के साथ दबोचा

आरएएस अधिकारी ने बाबू को रुपये घर पहुंचाने के लिए दिए थे

जोधपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो  ने आज जोधपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए जैसलमेर जिले के नाचना में कार्यरत उप निवेशन विभाग के वरिष्ठ सहायक कैलाशचंद्र जाट को गिरफ्तार कर उससे 18.25 लाख रुपये बरामद किये हैं। कैलाशचंद्र को यह राशि एक आरएएस अधिकारी ने अपने जयपुर स्थित आवास पर देकर आने के लिए दी बताई जा रही है। पूछताछ में रकम के रिश्वत के होने की बात सामने आई है. ब्यूरो इस मामले में आगे की कार्रवाई करने में जुटा है।

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एसीबी के डीआईजी कैलाशचंद बिश्रोई ने बताया कि इस संबंध में सूत्रों से सूचना मिली थी कि उप निवेशन विभाग का वरिष्ठ सहायक कैलाशचंद्र जाट अपने साथ भारी मात्रा में अवैध राशि लेकर नाचना से अपने निजी वाहन से जयपुर की तरफ जा रहा है. इस पर ब्यूरो के निरीक्षक अमराराम को उनकी टीम और स्वतंत्र गवाहों के साथ रामपुरा, मथानिया जोधपुर में नाकाबंदी पर तैनात किया गया।

कार में मिले 500-500 रुपये के नोटों के बंडल
कुछ देर बाद ब्यूरो की टीम ने टोल नाके के पास सफेद कलर की कार को रुकवाया। कार में दो लोग सवार थे. ब्यूरो की टीम को कार की पिछली सीट पर कपड़े के दो बैग मिले। बैगों की तलाशी में एक में प्लास्टिक की एक थैली में 500-500 रुपये के नोटों के बंडल मिले। दूसरी थैली में भी कुछ राशि थी. कार में कुल 18 लाख 25 हजार रुपये मिले। पूछताछ में कैलाशचंद्र ने पहले तो गोलमोल जवाब दिया, लेकिन बाद में उसने अपना मुंह खोल दिया। 

डिक्री का फैसला हक में देने की एवज में लिये थे रुपये
कैलाशचंद्र जाट ने बताया उसे यह राशि आरएएस अधिकारी नरेंद्रपाल सिंह उपायुक्त उपनिवेशन नाचना ने अपने जयपुर स्थित आवास पर पहुंचाने के लिए आज ही दी थी।  उसने बताया कि यह राशि नरेंद्र सिंह उपायुक्त ने सोहन सिंह, बेरीसाल सिंह और भोमाराम निवासी आसकंद्रा की डिक्री का फैसला उनके हक में करने की एवज में लिए थे।  तीनों व्यक्तियों के फैसले फरवरी 2022 में किये थे। 

एसीबी ने रुपये जब्त कर कैलाशचंद्र को किया गिरफ्तार
इस पर ब्यूरो की टीम ने कैलाशचंद्र जाट से रुपये जब्त कर उसे गिरफ्तार कर लिया।  कार को दूसरा चालक चला रहा था. चालक का नाम इंद्रराज मेघवाल है. वह हनुमानगढ़ जिले के पल्लू इलाके के चांदेडी बड़ी गांव का है। उसने बताया कि वह केवल ड्राइविंग का कार्य ही करता है. कार कैलाशचंद्र की ही है।