उज्जैन। उज्जैन में पिछले दिनों हुए मां, बेटा और पोते ट्रिपल मर्डर केस की मिस्ट्री पुलिस ने सुलझा ली है। मामला ब्याज पर पैसे के लेन-देन का था. कर्ज न लौटाना पड़े इसलिए आरोपियों ने बाप-बेटी की हत्या की थी।मां ने विरोध किया तो मां को भी रास्ते से हटा दिया। दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

उज्जैन जिले के दो थाना क्षेत्रों में 12 अप्रैल को एक ही परिवार के तीन सदस्यों मां-बेटे और पोते की लाश मिलने से सनसनी मच गयी थी। बाप-बेटे की लाश घर से दूर नदी किनारे एक गढ्ढे में मिली थी। जबकि दादी की लाश घर में बिस्तर की पेटी में बंद थी।. पुलिस ने एफएसएल और फिंगर प्रिंट एक्पर्ट की मदद से तीन दिन में ही गुत्थी सुलझा ली।
ऑटो वाले ने मार डाला
मृतक राजेश और बेटा पार्थ ब्लेंक चेक लेकर ब्याज पर व्यापारियों को पैसा उधार देते थे। पुलिस ने जब उनसे जुड़े लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि एक व्यक्ति जो पहले सब्जी का ठेला लगाता था और अब ऑटो चलाता है वह घटनास्थल पर दिखाई दिया था। पुलिस ने छानबीन की तो घटनास्थल से छोटे वाहन के टायर के निशान मिले।संदेह होने पर आरोपी के घर की तलाशी ली गई तो आरोपी घर पर नहीं मिला।बताया गया कि वो 4 दिन पहले परिवार सहित घर खाली कर इंदौर चला गया है. उसके फोन भी बंद थे. इससे पुलिस का शक गहरा गया। मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी सागर जिले मे छुपा हुआ है. पुलिस वहां पहुंच गयी.हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने मामले का खुलासा कर दिया।

12 अप्रैल को गुरावदा में एक चौकीदार ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि गांव में चंबल नदी किनारे देवनारायण मंदिर के पास खाई में दो अज्ञात व्यक्तियों के शव पड़े हैं। दोनों की गर्दन पर धारदार हथियार से वार के निशान हैं. शवों को गड्ढे में फेंक कर कपड़े और कांटों से ढांक दिया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल पर तीन पहिया वाहन के टायर के निशान मिले. फरियादी चौकीदार की रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 302 व अन्य में प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना में लिया। मृतकों की पहचान उनके पास बरामद मोबाइल फोन के आधार पर राजेश और उनके बेटे पार्थ के तौर पर की गई जो हरिनगर में रहते थे। पुलिस जब उनके घर पहुंची तो घर पर ताला पड़ा था और अंदर से दुर्गंध आ रही थी।बिस्तर वाली पेटी खोली तो उसमें से राजेश की 75 वर्षीय बुजुर्ग मां की लाश मिली।
उधार के बदले ब्लैंक चेक
“एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि”घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम गठित की गई और दोनों घटना स्थलों का निरीक्षण कर तमाम साक्ष्य के आधार पर जांच शुरू की गई।मृतक राजेश और उसका बेटा पार्थ छोटे व्यापारी और ठेला लगाने वालों को ब्याज पर पैसे देते थे. बदले में ब्लैंक चेक ले लेते थे।
ऐसे दिया घटना को अंजाम
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने मृतक राजेश से 20 हजार रुपये लिए थे और उसके एवज में ब्लैंक चेक दिया था। उधारी चुकाने के लिए राजेश रोज दबाव बना रहा था।एक अन्य व्यापारी मित्र पर भी मृतक का करीब 4लाख का कर्ज बकाया था। ब्याज न चुकाना पड़े इसलिए आरोपियों ने राजेश और उसके बेटे पार्थ को पैसे देने के लालच में धोखे से बुलाया और ऑटो में ले जाकर हत्या कर दी। उसके बाद दोनों आरोपी अपने-अपने ब्लैंक चेक लेने मृतक के घर में जबरन घुस गए। घर पर मौजूद राजेश की बुजुर्ग मां ने जब इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उन्हें भी मार डाला और शव पलंग में बंद कर उसमें ताला लगा दिया।