जी आर चंद्राकर ने जे.आर.डी. स्कुल कालीबाड़ी चौक रायपुर में किया नाबालिक लड़कियों का शोषण
क्या बलात्कारी जी आर चंद्राकर अब बच पायेगा अपने कुकर्मों के फल से

गेंदराम की पत्नी कांति चंद्राकर ,और विजय खण्डेलवाल भी हैं मासूम अनुसूचित जाति जनजाति लड़कियों के जिस्मों के खेल में शामिल !
अय्याश पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जी आर चंद्राकर किसने ना जाने कितने मासूम लड़कियों की इज्जत को तार तार किया है
ये हैं जे आर डी स्कुल के प्राचार्य विजय खण्डेलवाल जिन्होंने अपने आका यानी जिला शिक्षा अधिकारी का सभी तरह से साथ दिया ,चाहे वह अय्याशी ही क्यों ना हो

रायपुर। जी हां हम उस जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर यानी गेंद राम चंद्राकर की बात कर रहे हैं जिसे तीन दिवस पूर्व राखी की पुलिस ने 366 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की डायरी निर्माण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है ,ये व्यक्ति कोई और नहीं ये है अपने दिमाग का मास्टर उपयोग करने वाला व्यक्ति जो कभी कभी अपने ही जाल में उलझकर रह जाता है ये व्यक्ति हैं जी आर चंद्राकर जिसका घर अश्विनी नगर लाखे नगर रायपुर में है।जिसकी पत्नी अपने पति के अय्याशियों के पैसों को सायद पवित्र करने के उद्देश्य से ॐ शांति [ईश्वरीय विश्वविद्यालय]में शान्ति का नाटक करते हुए कभी गरीबों को अपने धर्मार्थ मिशन पर कभी हरिद्वार ले जाती थी तो कहीं और जगह ।

क्या है मामला
आज से चार वर्ष पूर्व 6 जून 2017 की रात को दो पत्रकारों के ऊपर यानी राकेश तम्बोली और साथी पत्रकार के ऊपर ब्लेकमेल का आरोप लगवाकर आधीरात को दुर्ग से गिरफ्तार करवाकर बड़े सुकून से रह रहा था । उसे इस बात का ज़रा भी अंदाजा नहीं था की जो नाबालिक मासूम लड़कियो के शरीर के साथ अँधेरे में घिनौना काम करता था और जिसे सब से और ना जाने कब से छुपाता फिर रहा था उसे और कोई नहीं उसने यानी सर्वव्यापी ईश्वर -मेरे साईं ने देखा है उसका दिल भी इस गंदे काम से दुखा है फिर तो लाज़मी है गंदे कामों की सज़ा देना ।
कहते है की ऊपर वाला देर तो करता है लेकिन अंधेर नहीं करता यह बात यहाँ सिद्ध होता है । इसी गेंदराम चंद्राकर जो की भाटापारा कें जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत था, ने 6 जून 2017 को रायपुर सिटी कोतवाली पुलिस को मेरे [राकेश तम्बोली] और मेरे साथी पत्रकार के नाम ब्लेकमेल का झूठा आरोप लगवाकर रात के 1:15 बजे घोखे से निचे बुलवाकर दबोचकर गिरफ्तार कर रायपुर ले गए ,किसी को कानों कां खबर नहीं होने दी कि आखिर मामला क्या है ।रायपुर थाने पहुँचाने पर पता चला की हमें गेंदराम चंद्राकर के साथ ब्लेकमेल करने का आरोप लगाया गया है ,गेंदराम चंद्राकर और उसकी पत्नी कांति चंद्राकर थाने में मौजूद थे साथ में गेंदराम के दो दोस्त भी थे।
चंद्राकर ने वहां हमसे लड़की वाले मामले को छोड़ देने की बात कही और कहा की आप अगर ऐसा करोगे तो वे केस वापस ले लेगा हमारे मना करने पर उसने तमाम मीडिया पक्ष के पास इस मामले को पहुंचाकर यह बताया की हमने उनसे लडकी के मामले में फंसा देने की धमकी देकर ब्लेकमेल करने की कोशिश को है । हमने उसकी बात नही मानी नतीजा यह निकला की मामला कोर्ट में चला गया है ।
इस मामले के सीधेसीधे जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि गेंदराम चंद्राकर की पत्नी कांति चंद्राकर और कालीबाड़ी चौक रायपुर के पास जे आर डी स्कुल के तात्कालिक प्राचार्य विजय खडेलवाल है । हमने इस बात का खुलाशा इसलिए किया है की इन्ही दोनोंके सामने हमने अपने साथियों के साथ ,मामले को रखा था की इस स्कुल में लड़कियों के छात्रावास में आखिर रात में ही गेंदराम चंद्राकर जो की बलौदाबाजार के जिला शिक्षा अधिकारी है वे रात में क्यों आते हैं जबकि भारत के संविधान के अनुरूप लड़कियों के छात्रावास में कोई भी पुरुष चाहे वह भाई, पति या बेटा कोई भी हो एक साथ नहीं रुक सकता है तो फिर ये चंद्राकर आखिर किसकी अनुमति से छात्रावास में रात में रुकते हैं ? गेंदराम चंद्राकर की पत्नी ने माना की उसके पति रात में बलौदाबाजार से रायपुर आते हैं और वहीँ रुकते हैं। यह बात इस स्कुल के प्राचार्य विजय खण्डेलवाल जानते थे ,ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की इस स्कुल की नाबालिक लड़कियों के जिस्म से खेलने के आदी हैं वे और गेंदराम चंद्राकर दोनों मिलकर इसका आनंद उठाते थे ,इस बात में गेंदराम चंद्राकर की पत्नी कांति चंद्राकर जी की लड़कियों के छात्रावास की वार्डन थी मिली थी ।
जब किसी का साथ नहीं मिला तब मिल साथ अ.भा.प.सु .स का
जब किसी पत्रकार पर कोई अघोषित युद्ध कर दे यानी कोई भी बिना वजह इल्जाम लगा देवे वह भी ब्लेकमेल जैसे यह बड़े अचरज वाली बात है ,इन संकट के समय कोई और नही बल्कि अ.भा.प.सु .स पीड़ित पत्रकार का साथ देने सामने आया । इनका नेतृत्व कोई और नहीं बल्कि छ.ग. के गोविन्द शर्मा जी और राष्ट्रीय महासचिव राकेश प्रताप सिंह जी परिहार और राष्ट्रीय स्तर के पंजाब पत्रकार परवीन कोमल ने साथ दिया । नतीजा यह रहा की कोर्ट द्वारा आरोपी पत्रकार की जमानत में रिहा करवाना ही पड़ा।
बहरहाल मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है ऐसे में हम कुछ भी कहना उचित न हीं है
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