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ऑनलाइन पढ़ाई का नतीजा: गार्डन के पास बोरी में भरी किताबें कचरे में पड़ी मिली

 सभी सरकारी स्कूल की तीसरी से 5वीं तक की

कोरबा।  छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते ज्यादातर जिलों में प्राइमरी और मिडिल स्कूल बंद कर दिए गए हैं। फिर से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कराई गई है। इसमें सरकारी और प्राइवेट स्कूल दोनों ही शामिल हैं। ऐसे में कोरबा में बच्चों की किताबें कचरे के ढेर में मिली हैं। किताबों को एक बोरी में भरकर फेंका गया था। खास बात यह है कि सभी किताबें नई हैं और सरकारी स्कूल की हैं।

दरअसल, शहर की खप्राभट्‌टा इलाके में स्थित बिसाहू दास उद्यान के सामने बस्ती के पास किताबों से भरी बोरी पड़ी थी। गार्डन में खेल रहे बस्ती के बच्चों ने देखा तो उत्सुकतावश वहां पहुंच गए। बोरी में किताबें भरी देखी तो बच्चों ने उठा ली और उसे लेकर बस्ती में पहुंचे। आसपास के लोगों ने देखा तो बच्चों से जानकारी मिली। इसके बाद बोरी उठाकर लाए और मीडिया को इसकी सूचना दी।

बिसाहू दास उद्यान के सामने बस्ती के पास किताबों से भरी बोरी पड़ी थी।
                                     बिसाहू दास उद्यान के सामने बस्ती के पास किताबों से भरी बोरी पड़ी थी।

बोरी में सरकारी स्कूल की प्राइमरी कक्षाओं की सैकड़ों किताबें मिली हैं। सारी पुस्तकें बिल्कुल नई हैं। इनमें तीसरी, चौथी और पांचवीं क्लास की किताबें हैं। कुछ किताबें आठवीं की भी बताई जा रही हैं। स्थानीय निवासी हिमांशु राजवाड़े और छात्रा दुर्गेश्वरी का कहना है कि यह किताबें बच्चों के हाथ में होनी चाहिए थीं, लेकिन कचरे के ढेर में पड़ी हैं। इसकी जांच हो।

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बोरी में किताबें भरी देखी तो बच्चों ने उठा ली और उसे लेकर बस्ती में पहुंचे।
                              बोरी में किताबें भरी देखी तो बच्चों ने उठा ली और उसे लेकर बस्ती में पहुंचे।

प्राइवेट और सरकारी स्कूल में निशुल्क किताबें देने की है नीति
छत्तीसगढ़ सरकार पिछले साल ही सरकारी और निजी स्कूलों के प्राइमरी से हायर सेकेंडरी तक की कक्षाओं के स्टूडेंट्स को निशुल्क पुस्तकें देने की नीति लाई है। इसे इस साल भी जारी रख गया है। शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के साथ पुस्तकों का वितरण कर दिया जाता है। पाठ्य पुस्तक निगम ने इसके लिए डिपो की व्यवस्था की है। वहां से संकुल होकर पुस्तकें स्कूल में पहुंचती है। इसके बाद मांग के अनुरूप वितरण होता है।

तीसरी, चौथी और पांचवीं क्लास की किताबें हैं। कुछ किताबें आठवीं की भी बताई जा रही हैं।
                        तीसरी, चौथी और पांचवीं क्लास की किताबें हैं। कुछ किताबें आठवीं की भी बताई जा रही हैं।

अफसर बोले- असामाजिक तत्वों की करतूत, जांच कराएंगे
जिला शिक्षा अधिकारी जीपी भारद्वाज ने कहा कि मामले की जानकारी उन्हें नहीं है। आप बता रहे हैं तो पता करवाते हैं। यह असामाजिक तत्वों की करतूत है। मामले की जांच कराएंगे।

6 महीने पहले नाले में बहती मिली थी स्कूल यूनिफॉर्म
कोरबा में यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले जून में सैकड़ों की संख्या में बिलकुल नए स्कूल यूनिफॉर्म नाले में पड़े मिले थे। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम नकटीखार के पिकनिकस्थल नाले में करीब 500 की संख्या में नीले रंग के ट्यूनिक, पेंट और कमीज का गट्ठर पड़ा था। इन यूनिफॉर्म को प्राइमरी स्कूल के बच्चों को बांटा जाना था।