ब्रेकिंग न्यूज़ ज़रूर देखें : गांधी जी को अपशब्द बोलने वाले कालीचरण महाराज फरार :बाद में जारी किया वीडियो
रायपुर । रावणभाठा में आयोजित दो दिवसीय धर्म संसद के आखिरी दिन रविवार को महात्मा गांधी को अपशब्द बोलने के कुछ देर बाद ही संत कालीचरण गायब हो गए। पुलिस का दावा है कि उनका मोबाइल बंद है। देर रात सिविल लाइन थाने में उनके खिलाफ अपराध दर्ज होने के बाद पुलिस पुजारी पार्क पहुंची। महाराष्ट्र के संत कालीचरण वहां नहीं मिले। इधर, संत कालीचरण के गांधी पर बयान से कांग्रेस उबल गई है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शांति भंग की कोशिशों से सख्ती से निपटने को कहा है।

भाजपा ने संत कालीचरण के बयान को निजी विचार बताते हुए पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है। इस बीच, धर्म संसद आयोजकों ने पुलिस से कहा है कि उन्होंने सभी मेहमानों को स्पष्ट कर दिया था कि कार्यक्रम में सिर्फ धर्म पर चर्चा करनी है, राजनीति पर कोई बात नहीं होगी। पुलिस ने संत कालीचरण के पूरे भाषण को शब्दश: सुना है और संकेत दिए हैं कि एफआईआर में धाराएं और बढ़ाई जाएंगी। पुलिस ने देर रात महाराज संत कालीचरण पर सार्वजनिक शांति भंग करने के आशय से असत्य बोलने व गाली गलौज करने का केस दर्ज किया है। पुलिस ने जब केस दर्ज किया, उसके पहले ही संत कालीचरण महाराष्ट्र के लिए रवाना हो चुके थे। आयोजन समिति ने उन्हें पुजारी पार्क में ठहराया था। पुलिस वहां पहुंची लेकिन वे नहीं मिला।
उसी समय उनके मोबाइल नंबर पर कॉल कर संपर्क का प्रयास किया गया। पुलिस अफसरों का कहना है कि उनके फोन का स्विच ऑफ मिला। इधर, सोमवार को टिकरापारा पुलिस ने धर्म संसद आयोजित करने वाले नीलकंठ सेवा संस्थान के पदाधिकारियों से पूछताछ की। उन्होंने पुलिस को बयान दिया कि कार्यक्रम के पूर्व ही सभी संतों को को बताया कि इसमें सिर्फ धर्म पर ही चर्चा करना है। इसमें राजनीति और व्यक्तिगत चीजों पर चर्चा नहीं होगी। इसके बाद भी कार्यक्रम में विवादित बयान दिया गया है। पुलिस ने आयोजन समिति से कार्यक्रम का पूरा वीडियो जब्त कर लियास है। संत कालीचरण महाराज के बयान की एक-एक लाइन को पुलिस सुनकर समीक्षा कर रही है। टीआई संजीव मिश्रा ने बताया कि महाराष्ट्र अकोला निवासी संत कालीचरण पर शांति भंग करने के लिए असत्य कहने और गाली गलौज का केस दर्ज कर लिया गया है। यह गैरजमानती धारा है। उन्होंने धर्म संसद में बोलते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया है। उनके खिलाफ और भी सबूत जुटाए जा रहे हैं।
सीएम भूपेश की चेतावनी: देश-संस्कृति पर चोट करने वालों को नहीं बख्शेंगे, कड़ी कार्रवाई होगी
सीएम भूपेश बघेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अपशब्द कहने वाले बाबा संत कालीचरण के साथ ही भाजपा और आरएसएस पर जोरदार हमला बोला है। सीएम बघेल ने मीडिया से बातचीत और सोशल मीडिया के जरिए कहा कि बापू को गाली देकर समाज में विष वमन कर अगर किसी पाखंडी को लगता है कि वे अपने मंसूबों में कामयाब हो जाएंगे, तो यह उनका भ्रम है। उनके आका भी दोनों सुन लें, भारत और सनातन संस्कृति की आत्मा पर चोट करने की जो भी कोशिश करेगा, न संविधान उसे बख्शेगा, न जनता उन्हें स्वीकार करेगी। उन्होंने इस मामले में पार्टी नेताओं द्वारा बाबा के खिलाफ एफआईआर कराए जाने की जानकारी व एफआईआर की कॉपी भी शेयर की है। सीएम ने कहा कि जब से राहुल गांधी ने हिंदू और हिंदुत्ववादी में अंतर स्पष्ट किया है, तब से हिंदुत्व वादियों की टोली में अफरातफरी मच गई है।
उन्होंने सोशल मीडिया में एक पोस्ट किया है, जिसमें एक ओर संत कालीचरण को हिंदुत्ववादी और राष्ट्रपिता के खिलाफ अपशब्द के बाद धर्म संसद छोड़ने वाले महंत रामसुंदर दास को हिंदू दर्शाया गया है। दूसरी ओर, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आयोजन समिति पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि साधु-संत अपने मन की बात करते हैं। आयोजन समिति को पहले ही विषयवस्तु तय करनी चाहिए। एक अन्य पाेस्ट में सीएम ने हिंदुत्ववादी और हिन्दू की तुलना करते हुए धर्म संसद में संत कालीचरण और महंत रामसुंदर दास के भाषण का वीडियो शेयर किया है। सीएम ने लिखा कि चूहों के बिल में अगर पानी डालोे तो एक साथ छटपटा कर बाहर भागते हैं, अफरातफरी मच जाती है। इन पाखंडियों की वर्षों की नफरत की दुकान बंद हो रही है।
राहुल ने भी किया रीट्वीट
रायपुर में हुए धर्म संसद की गूंज दिल्ली तक पहुंच गई है। राहुल गांधी ने सीएम के एक पोस्ट को री-ट्वीट किया है। साथ ही, महात्मा गांधी के एक कोट का जिक्र किया है कि आप मुझे बेड़ियों में जकड़ सकते हैं, लेकिन आप मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते हैं। बाद में सीएम ने भी इसे शेयर किया। पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी हमला बोला है। एक दिन पहले मरकाम के नेतृत्व में ही एफआईआर लिखाई थी।
गांधी राष्ट्रपिता हैं, और मानते रहेंगे: कौशिक
नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं। शुरू से हम मानते आ रहे हैं और मानते रहेंगे। जिनको बोलना है, वे बाेल कर चले गए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देने से अब कुछ नहीं होना। आप चाहे एफआईआर करें तो या उसकी निंदा करें, तो भी शब्द वापस नहीं होंगे। मुझे लगता है कि अतिथियों को आमंत्रित करने से पहले जानकारी लेनी चाहिए कि किसको आमंत्रित करना है और किसको नहीं।
टिप्पणी: फूड अफसर सस्पेंड
महात्मा गांधी पर फेसबुक वाॅल पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में रायपुर के सहायक खाद्य अधिकारी संजय दुबे को निलंबित कर दिया गया है। खाद्य संचालनालय के अपर संचालक राजीव कुमार जायसवाल ने निलंबन आदेश जारी किया। उन्हें सस्पेंड कर कबीरधाम कलेक्टोरेट भेजा गया है।
बचाव में आया विहिप
विश्व हिंदू परिषद ने बाबा संत कालीचरण के खिलाफ एफआईआर का विरोध किया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि धर्म संसद का आयोजन संत करते हैं। यह कांग्रेस प्रायोजित धर्म संसद थी। संतों को फ्रेम करने की कोशिश की जा रही है। ऐसा होगा तो विरोध करेंगे।
पुलिस ने कहा- फोन बंद, रिंग गई, फोन काटा
एफआईआर के बाद पड़ताल में यह बात सामने आई कि धर्म संसद में शाम 5.55 बजे संत कालीचरण ने विवादित भाषण खत्म किया। इसके बाद वे लगभग एक घंटे तक धर्म संसद के मंच पर ही थे। दो संतों के भाषण देने के बाद शाम 7 बजे कार्यक्रम का समापन हुअा। इसके बाद पुजारी पार्क पहुंचे, वहां से रात 8 बजे एसयूवी से संत कालीचरण नागपुर की ओर रवाना हो गए। आयोजकों से संत कालीचरण का मोबाइल नंबर 98901 97..7 (हमारे पास पूरा नंबर है) लिया। इसी बीच पुलिस ने बताया कि संत कालीचरण का मोबाइल बंद है। पूरे मामले में वर्जन के लिए भास्कर ने इसी नंबर पर सोमवार को दोपहर 2 बजे काॅल किया तो फोन चालू मिला, लेकिन उधर से फोन काट दिया गया। इसके बाद से रात 8 बजे तक उन्हें 9 काॅल किए गए जो नो-रिप्लाई हुए। इसी नंबर पर वाट्सएप भी है, इसलिए 5 सवाल भेजे गए। वाट्सएप पर ये सवाल उनके नंबर पर सीन होने की ब्लू टिक आई, लेकिन रात 11 बजे तक जवाब नहीं आया।
FIR के बाद कालीचरण का चैलेंज :कहा- गांधी को गाली दी अफसोस नहीं, मृत्युदंड भी स्वीकार, गोडसे को मेरा साष्टांग प्रणाम
रायपुर की धर्म संसद में महात्मा गांधी को गाली देने के बाद देशभर में बहस की वजह बने महाराष्ट्र के संत कालीचरण का नया बयान सामने आया है। इसमें वो कह रहे हैं- गांधी को अपशब्द कहने के लिए मुझ पर FIR हुई है, मुझे उसका कोई पश्चाताप नहीं है। मैं गांधी से नफरत करता हूं, मेरे हृदय में गांधी के प्रति तिरस्कार है। अपने ताजा बयान में कालीचरण ने गोडसे को महात्मा बताते हुए कहा है मैं गोडसे को कोटि-कोटि नमस्कार करता हूं उनके चरणों में मेरा साष्टांग प्रणाम है।


रायपुर की धर्म संसद में महात्मा गांधी के लिए मंच से अपशब्द का प्रयोग कर कालीचरण फरार हो गए थे। सोमवार की आधी रात कालीचरण ने इस पूरे मामले को लेकर अपना पक्ष रखते हुए एक वीडियो जारी किया। फिर से लगभग वैसी ही बातों को दोहराया जिसकी वजह से उन पर केस दर्ज किया गया है। लगभग 8 मिनट 51 सेकेंड के इस वीडियो में कालीचरण कई तरह की बातें करते दिख रहे हैं।
इस वजह से गांधी से नफरत
उन्होंने कहा है कि गांधी की वजह से ही सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के प्रधानमंत्री नहीं बने। अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रधानमंत्री बनते तो आज भारत अमेरिका से बड़ी पावर बन सकता था। कालीचरण ने महात्मा गांधी पर वंशवाद को बढ़ावा देने, भगत सिंह- राजगुरु की फांसी न रुकवाने, जैसे आरोप लगाए।
वीडियो में कालीचरण ने कहा है कि कोई राष्ट्र का पिता नहीं हो सकता। यदि राष्ट्रपिता बनाना है तो छत्रपति शिवाजी, राणा प्रताप और सरदार पटेल जैसे लोगों को बनाना चाहिए जिन्होंने राष्ट्रकुल को एकत्र करने का काम किया। गांधी को देश का बंटवारा करने का जिम्मेदार बताया।

कालीचरण बोले मुझे मौत मंजूर
कालीचरण ने रायपुर पुलिस द्वारा FIR किए जाने के मामले पर कहा है कि मुझे अगर सच बोलने के लिए मृत्यु दंड की सजा भी दी जाती है तो वह मौत को स्वीकार करेंगे। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी तो मुझ जैसे तुच्छ जंतु जीकर क्या करेंगे, मुझ जैसे करोड़ों कालीचरण मरने को तैयार हैं।

फरार हैं कालीचरण
रविवार रात रायपुर में कालीचरण पर केस दर्ज किया गया, तब खबर आई थी कि कालीचरण रायपुर छोड़ कर जा चुके हैं। केस दर्ज होने के बाद अब कालीचरण की तलाश रायपुर पुलिस को है। इस वीडियो को जारी कर कहीं ना कहीं इस संत ने सारे सिस्टम को चैलेंज कर दिया है। कालीचरण के महाराष्ट्र में होने की खबर है। कालीचरण इस वक्त कहां है इसकी जानकारी धर्म संसद के आयोजकों और रायपुर की पुलिस को नहीं है, तलाश जारी है।

बॉडी बिल्डिंग और गाने का शौक
एक संत जो बॉडी बिल्डिंग का शौकीन है, कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं मगर गाता है तो क्लासिकल सिंगर की तरह आलाप लेकर सभी चौंका देता है। उसका असली नाम अभिनीत धनंजय सराग है। वो भावसार समाज के हैं। उनके पिता दवा की दुकान चलाते हैं। कालीचरण महाराष्ट्र के अकोला में स्थानीय युवाओं में वे काफी लोकप्रिय हैं। कालीचरण 8वीं क्लास तक ही पढ़े। बचपन में बदमाशियों से परेशान होकर मां-बाप ने उन्हें उनकी मौसी के घर इंदौर भेज दिया था।

कालीचरण महाराज राजनीति में भी हाथ आजमा चुके हैं। 2017 में अकोला नगर निकाय चुनाव में उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन हार गए थे। कालीचरण महाराज इससे पहले शिवतांडव स्त्रोत का पाठ कर चर्चा में आए थे। पिछले साल जुलाई में रायसेन के शिव मंदिर में उन्होंने इसका पाठ किया था। कालीचरण महाराज खुद को कालीपुत्र बताते हैं। कालीचरण दावा करते हैं कि उन्हें काली मां ने दर्शन दिया था और हादसे में घायल पैर को ठीक कर दिया था।