जोधपुर। जोधपुर पुलिस की गिरफ्त में आए 1 लाख के इनामी कुख्यात तस्कर राजू फौजी की कहानी अजीबो-गरीब है। CRPF में अच्छी-खासी नौकरी कर रहे जवान को जब लोगों ने अपराध करते देखा तो हैरान रह गए। उसके अपराधी बनने के सवाल पर पुलिस भी हैरान थी। भरा-पूरा परिवार और जीवन जीने के सारे सुख होने के बावजूद राजू अपराधी बन गया. परिवार के लिए आज भी पहले है कि उनका राजू इतना बड़ा अपराधी कैसे बन गया।

राजू फौजी को जानने वाले बताते हैं कि शादी के बाद राजू पर कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का जुनून सवार हो गया। उसे रुपये के अलावा कुछ और नहीं सूझता था। उसने अपराध की शुरुआत तस्करी से की. वह अफीम-डोडा की तस्करी करने लगा। तस्करी के बीच लोगों से होने वाले विवाद सुलझाने के लिए वह अन्य अपराध भी करने लगा. राजू फौजी का असली नाम राजू विश्नोई है. उसे राजूराम फौजी भी कहते हैं। उसका घर जोधपुर से सटे बाड़मेर जिले के डोली गांव में है. स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही ये कुख्यात तस्कर CRPF में भर्ती हो गया था। नौकरी लगते ही घरवालों ने उसकी शादी भी कर दी थी।
इस तरह शुरू हुआ तस्करी का सिलसिला

बताया जाता है कि 16 साल पहले 2005 में उसने अचानक छुट्टी ली और घर आ गया। यहां से फिर कभी वो वापस सीआरपीएफ नहीं गया। उसने यहां अपराध करने शुरू कर दिए. चूंकि, वह CRPF में भर्ती था तो लोग उसे फौजी कहने लगे। लेकिन असलियत में उसने कभी फौज में नौकरी नहीं की है।पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, साल 2005 में राजू फौजी के खिलाफ पहला मामला जोधपुर के शास्त्री नगर थाने में दर्ज हुआ. उसके बाद ये सिलसिला चल पड़ा और उसने बड़े-बड़े अपराध किए।
बड़े तस्करों से मिलाया हाथ
कुख्यात तस्कर राजू के ऊपर अभी तक पुलिस 15 मामले दर्ज कर चुकी है। छोटी-छोटी तस्करी करने वाले राजू को बड़े तस्करों का साथ मिलने लगा। इसके बाद उसे हौंसले बुलंद हो गए और 2013 में उसने खुद अपने स्तर पर तस्करी करनी शुरू कर दी। अफीम-डोडे की तस्करी ने उसे उतना अमीर बना दिया था, जितना उसने सोचा नहीं था। राजू ने तस्करी को और बढ़ाने के लिए कई लोगों को अपने साथ मिला लिया। उसने बड़े स्तर पर हथियार भी अपने पास रख लिए थे।