10 भिखारियों ने किस मद में दिया कितना पैसा?
इंदौर। कोई भी शहर यूं ही सफाई में नंबर वन नहीं बन जाता है। इसके लिए शहर के एक एक नागरिक का योगदान रहता है. चाहे वो अरबपति हो या भिखारी. सबके सहयोग से ही इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल हो पाती है। हम बात कर रहे देश के सबसे स्वच्छ शहर मध्य प्रदेश के इंदौर की।संभवत: इंदौर देश का ऐसा पहला शहर होगा जहां के भिखारी भी कचरा टैक्स जमा करते हैं। भले ही वे दिनभर भिक्षा मांगकर अपनी दो जून की रोटी का बामुश्किल इंतजाम कर पाते हों, लेकिन शहर के प्रति अपनी जिम्मेदारी को वे बाखूबी समझते हैं।


इंदौर में जिस तरह शहर के जागरूक नागरिक जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, अधिकारी अपने संपतिकर, जलकर के साथ ही कचरा प्रबंधन शुल्क की राशि जमा कराते हैं।ठीक उसी तरह शहर के भिखारी भी अपने बकाया कर के साथ ही कचरा प्रबंधन शुल्क की राशि भी जमा कराते है।ये भिखारी उन लोगों के लिए मिसाल भी हैं, जो अपना कर समय पर नहीं जमा कराते हैं।
इन भिखारियों ने जमा किया टैक्स
इंदौर नगर निगम के जोन चार के वार्ड 10 में निवासरत भिक्षुक कमलाबाई बातरी ने कचरा प्रबंधन शुल्क की बकाया राशि 720 रुपये जमा करा दी है।इनके अलावा देवराम चम्पत ने 3625 रुपये की राशि जमा कराई. इसी तरह संभाजी गंगाराम कबाड़े ने 1840 रुपये, गंगूबाई ने 1100 रुपये, राजाराम बागरे ने 2950 रुपये, घनश्याम नंदन कंवर ने 5060 रुपये, बसंत भालेराव ने 5420 रुपये, बाबूलाल मोतीराम ने 2400 रुपये, सुदामा गायधने ने 2880 रुपये, अंजनाबाई रामकृष्ण इंगले ने 2770 रुपये अपने संपतिकर और कचरा प्रबंधन शुल्क की बकाया राशि नगर निगम में जमा कराई।
अन्य से भी की अपील
शहर के विकास में सभी नागरिको से भी सहयोग करने की अपील की। नगर निगम के सहायक राजस्व अधिकारी मुकेश पटेरिया और बिल कलेक्टर आरिफ खान ने बताया कि ये सभी भिखारी वाणगंगा क्षेत्र के बाबुलपुरा में रहते हैं। इनसे जब कचरा शुल्क की मांग की गई तो इन्होने अपने भीख मांगकर कमाए पैसों में से नगर निगम का कर जमा कर दिया।ये काबिल ए तारीफ ये बात है कि ये अपना टैक्स जमा करने खुद नगर निगम के जोन कार्यालय पहुंचे. अभी तक 10 भिखाऱी टैक्स जमा करा चुके हैं. बाकि बचे भिखारियों से भी बकाया राशि जमा करने की अपील की जा रही है.