भ्रष्ट तरीके से अवैध संपत्ति जमा करने का आरोप
दरभंगा। ग्रामीण कार्य विभाग ने 67 लाख नकदी मिलने वाले दरभंगा के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सह प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार को निलंबित कर दिया है। इन पर भ्रष्ट तरीके से अवैध संपत्ति अर्जित करने संबंधी आरोप लगने के बाद विभाग ने यह कार्रवाई की है। विभाग के विशेष सचिव संजय दूबे की ओर से इस बाबत आदेश जारी किया गया है। ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज ने कहा कि निलम्बन के बावजूद इन पर विभागीय कार्रवाई जारी रहेगी।

नकदी मिलने के बाद विभाग ने इंजीनियर के खिलाफ विभागीय संचालन कार्यवाही शुरू की थी। इसी क्रम में संचालन पदाधिकारी ने बताया कि आरोपी इंजीनियर को अपना पक्ष रखने के लिए नवम्बर में बुलाया गया पर वे उपस्थित नहीं हो सके। इस बाबत आरोपी इंजीनियर ने कोई सूचना भी नहीं दी। इंजीनियर के इस व्यवहार को विभाग ने पूर्णत: गैर जिम्मेदाराना व असहयोगात्मक माना। उनके इसी रवैये के आधार विभाग ने अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय अभियंता प्रमुख का कार्यालय पटना तय किया गया है। इसके तहत उन्हें हर दिन अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। निलंबन अवधि में अनिल कुमार को सरकारी सेवक नियमावली के तहत अनुमान्य जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि शीतकालीन सत्र में गत बुधवार को विधानसभा में भाजपा विधायक संजय सरावगी ने आरोपी इंजीनियर को लेकर सवाल उठाए थे। विधायक ने अल्पसूचित प्रश्न में जानना चाहा था कि ग्रामीण कार्य विभाग के दरभंगा के प्रभारी अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार के पास से 67 लाख नकदी बरामद हुई। करोड़ों की चल-अचल की बरामदगी के बाद भी थाने से जमानत मिल गई। तीन महीने बाद अब भी विभाग ने उस इंजीनियर को निलंबित नहीं किया।
जवाब में ग्रामीण कार्य मंत्री ने कहा कि उस घटना के बाद इंजीनियर मेडिकल लीव में चले गए थे। अभी उन पर विभागीय संचालन की कार्यवाही हो रही है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मंत्री के जवाब से असंतुष्ट रहे और उन्होंने इस मामले में सदन की कमिटी से जांच कराने की घोषणा की थी।