मुंगेर। मुंगेर जिले के सदर प्रखंड की नौवागढ़ी उत्तरी पंचायत के बूथ सं-145 पर वोट देने वाले कई मतदाताओं के वोट देते ही उनके खाते से पैसे उड़ गये। फिंगरप्रिंट देते ही बैंक से राशि निकल जाने की घटना सुबह से ही हो रही थी और मतदाताओं के मोबाइल पर मैसेज भी आ रहा था। लोगों की शिकायत पर सदर एसडीओ खुशबू गुप्ता मतदान केंद्र पहुंचकर मामले की पूरी जानकारी ली।

पीड़ित लोगों ने एसडीओ खुशबू गुप्ता को मोबाइल का मैसेज दिखाते हुए मतदान करने का समय भी बताया। एसडीओ ने संदेह के आधार पर फिंगरप्रिंट लेने वाले मतदानकर्मी रवि कुमार को हिरासत में लेकर मुफस्सिल थाने को सौंप दिया। आरोपी ग्रामीण बैंक का सीएसपी संचालक है। सदर एसडीओ ने कहा कि, संदेह के आधार पर फिंगर प्रिंट लेने वाले मतदान कर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस संबंध में पूरी तरह से जांच एवं छानबीन की जाएगी। किस परिस्थिति में और किस तरह से मतदाताओं के बैंक खाता से राशि निकली है, यह जांच के बाद ही पता चलेगा।
पीड़ितों ने कहा, दो बार लिया था फिंगर प्रिंट
पहली घटना लगभग 8:00 बजे सुबह के करीब घटी। किंतु, लोगों का ध्यान इस ओर देर से गया। जैसे ही लोगों को पता चला कि, बैंक से राशि निकल गयी है तो सभी पीड़ित बूथ पर जमा हो गए। पीड़ितों में अधिकांश महिलाएं थीं और सभी का खाता नौवागढ़ी ग्रामीण बैंक में है। वहां मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि निभा कुमारी के खाता से 5000 रुपया, उषा कुमारी के खाता से 4000 रुपया, मधु देवी के खाता से 10,000 रुपया, सोनी कुमारी के खाता से 10000 रुपया, अमृता प्रीतम के खाता से 5000 रुपया, रामनिवास चौधरी के खाता से 4000 एवं जयजय राम चौधरी के खाता से 10,000 रुपया निकाले जाने का मैसेज इन लोगों के मोबाइल पर आया है। सभी पीड़ितों ने बताया कि, इस घटना से हम लोग हैरान हैं। संदेह है कि, इस बूथ पर लगभग एक सौ से अधिक लोगों के खाते से पैसा निकले गये हैं। पीड़ितों ने बताया कि, फिंगर प्रिंट लेने वाले कर्मी ने हम लोगों से दो बार फिंगरप्रिंट लिया था। जिन लोगों से दो बार फिंगरप्रिंट लिया गया था उनमें से कई लोग अभी तक समयाभाव के कारण अपने खाता का स्टेटस नहीं जान पाए हैं। इस बूथ पर मतदान करने वाले सभी लोग अब सोमवार को अपना खाता जांच करेंगे तब सही स्थिति का पता चलेगा कि, कितने लोगों के खाता से राशि निकला है।
मतदाताओं की राशि लौटायी जायेगी

फिंगरप्रिंट लेने वाले कर्मी ग्रामीण बैंक का सीएसपी चलाता है। किसी ऐप के माध्यम से इसने फिंगरप्रिंट ले मतदाताओं के बैंक से राशि अपने अकांउट में ट्रांसफर कर लिया है। हालांकि एसडीओ ने कहा कि यदि मतदान के लिए फिंगरप्रिंट देने पर मतदाताओं के बैंक से राशि निकली है, तो वैसे सभी पीड़ित लोगों की राशि अवश्य लौटायी जाएगी। इस धोखाधड़ी के दोषी को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पीड़ित मतदाताओं से शांति बनाए रखने की अपील की।
सीधा-साधा मतदाता को करता था टारगेट
पुलिस हिरासत में आरोपी बायोमैट्रिक्स संचालक रवि ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह सीधे-साधे मतदाता को ही अपना टारगेट बनाता था। निर्वाचन आयोग ने जो टैब दिया था, उसके अतिरिक्त वह अपना थम मशीन लेकर भी गया था। एक बार वह मतदाता का थम निर्वाचन आयोग की मशीन पर लेता था। लेकिन दूसरी बार वह अपनी थम मशीन पर यह कहते हुए मतदाताओं का अंगूठा लगवाता था कि पहले वाले पर थम सही से नहीं लगा है। मतदाता जब थम देकर वोट डालने जाते थे, इतनी ही देर में वह एक विशेष एप के माध्यम से अपने या अपने परिचित के खाते पर मतदाता के खाते से रुपयों को ट्रांसफर कर देता था।
बायोमीट्रिक्स मैचिंग के लिये सीएसपी संचालकों को लगाया जाता है। ये लोग आउसोर्सिंग से लाये जाते हैं और सरकारी कर्मी नहीं होते। किसी मोबाइल एप के माध्यम से इस सीएसपी संचालक ने धोखाधड़ी से वोट देने आये ग्रामीणों के पैसे निकाल लिये। उसपर केस दायर करने की प्रक्रिया की जा रही है। इसके बाद जेल भेजा जायेगा।
– खुशबू गुप्ता, एसडीओ, सदर
कोई भी व्यक्ति अपना अधर कार्ड और फिंगरप्रिंट के साथ अपने जमा पैसे निकाल सकता है। फिंगरप्रिंट लेने वाले ने दो बार इंप्रेशन लिया होगा। एक चुनाव आयोग का और दूसरा उसके खाते से पैसे निकालने के लिये। यदि आधारकार्ड नंबर और फिंगरप्रिंट मैच हो जायेगा तो किसी के भी खाते से राशि निकल जायेगी।
– शशिभूषण कुमार, शाखा प्रबंधक, एसबीआई, वासुदेवपुर