वेबसाइट और एफबी पर फोटो दिखा कर डील फिक्स करते, फिर लड़कियों को कस्टमर तक पहुंचा देते
इंदौर। मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में हाईटेक तरीके से जिस्मफरोशी का धंधा किया जा रहा है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों को पता न लगे, इसके चलते एस्कॉर्ट सर्विस के ऑनलाइन तरीके देह व्यापार किया जा रहा है। ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश मंगलवार को लसूड़िया पुलिस ने किया। पुलिस ने स्कीम 114 में एक मकान पर दबिश दी। यहां से देकर 2 युवतियों और 5 युवकों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक युवती हरियाणा और दूसरी रायसेन की रहने वाली है। दोनों दलाल नीरज के माध्यम से होटल व अन्य जगह जाती थीं। आरोपियों ने इसके लिए ‘एस्कॉर्ट सर्विस’ नाम की वेबसाइट बना रखी थी। इसका फेसबुक पर भी पेज बनाया था। इसी के जरिए कस्टमकर से डीलिंग होती थी। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है।

दलाल के माध्यम से चलता था गिरोह
एसपी अशुतोष बागरी ने बताया कि पुलिस गिरफ्त में आए दलाल नीरज से पूछताछ की है। उसने बताया कि वह पहले वेबसाइट के माध्यम से ग्राहकों की तलाश करता था। उसके बाद ग्राहक और युवती को किस जगह जाना है। किस गाड़ी से युवती पहुंचेगी। गाड़ी के नंबर से लेकर सभी जानकारी नीरज देता था। उसने इंदौर के लसूड़िया थाने में स्कीम नंबर 114 में 8 माह पहले फ्लैट किराए से लिया था। वहीं से गिरोह का संचालित कर रहा था।
दूसरे शहर की युवतियां
पूछताछ के दौरान पकड़ी गई युवतियों ने बताया कि पहले वह दिल्ली में नौकरी करती थी। यहां लगा कि अधिकारी भी उससे नजदीकियां बढ़ाना चाहते हैं। वहीं, दिल्ली में रहने के दौरान कई बार लोगों ने शारीरिक शोषण की कोशिश की। इसके बाद युवती ने इस काम को पैसा कमाने का जरिया बना लिया। प्रोफेशनल होकर इस धंधे में उतर गई। इंटरनेट के माध्यम से वेबसाइट पर फोटो डाले। यहीं से दलालों से संपर्क हुआ।


वेबसाइट पर फिक्स होती थी मीटिंग
वेबसाइट पर सर्च करते ही युवती से ऑनलाइन मीटिंग तय होती थी। फिर यहीं पर जगह का चयन कर लिया जाता था। फिर सरगना ग्राहक के बताए स्थान पर युवती को भेज दिया जाता था। इस वजह से पुलिस को भी ग्राहक और गिरोह में शामिल युवतियों को गिरफ्तार करना चुनौती बना हुआ था। गिरफ्तार युवक उज्जैन, राजस्थान और इंदौर के रहने वाले हैं।
क्या है एस्कॉर्ट सर्विस
4 साल पहले साइबर सेल ने एस्कॉर्ट सर्विस देने वाली 3 वेबसाइट के दलालों को पकड़ा था। इनसे चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। पूछताछ में पता चला था कि ऐसी ही एस्कॉर्ट सर्विस ऑफर करने वाली 400 से ज्यादा वेबसाइट संचालित हो रही हैँ। इनमें इंदौर से जुड़ी 20 से 30 साल की युवतियों के फोटो का इस्तेमाल कर 25000 से ज्यादा का डाटाबेस फीड किया गया था।
पुलिस और जांच एजेंसियों के पास इतना बल नहीं कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध रैकेट पर कार्रवाई हो सके। साइबर सेल का दावा था कि इंदौर की करीब सभी नामी बड़ी होटलों में प्रतिदिन इन्हीं वेबसाइट्स से युवतियां दूसरे शहरों से फ्लाइट्स से आ रही हैँ। यहां की युवतियों को ऐसे ही दूसरे शहरों में भेजा जा रहा है। साइबर सेल ने ऐसी तीन वेब साइट से जुड़े दो दलाल व वेबसाइट के डिजाइनर को गिरफ्तार किया था।
तीनों एस्कॉर्ट वेबसाइट बंद करवाई थीं
साइबर सेल द्वारा पकड़ी गई तीनों वेबसाइट को पोर्टल से हटा दिया गया था । इस संबंध में सेल ने वेबसाइट को होस्ट करने वाली कंपनियों को ई-मेल भेजा था। तीनों वेबसाइट का एड भी जिन वेबसाइट पर किया गया था, उन्हें भी हटाया गया है। इन वेबसाइट्स पर जिन युवतियों के नंबर जारी किए गए थे। कुछ युवतियां तो संभ्रांत घरों की निकली थी। वहीं, किसी ने मंहगे शौक पूरा करने के लिए, तो किसी युवती ने दोस्त के कहने पर यह काम किया था।