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हेरोइन तस्करी मामले में अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार

जब्त हेरोइन की कीमत 21 हजार करोड़ रुपये

डीआरआई  के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक सितबंर में यह मादक पदार्थ को शीप में कंधार  से हसन हुसैन लिमिटेड नाम की कंपनी से आयात किया गया था. आयात  करने के वक्त में यह बताया गया था, इस कंसाइनमेंट में टेलकम पाउडर  है , इस कंसाइनमेंट को अफगानिस्तान से टैल्क पत्थरों के नाम पर आयात करने का दावा किया गया था. जिसे ईरान की बंदर अब्बास पोर्ट से गुजरात की मुंद्रा पोर्ट के लिए भेजा गया था

नई दिल्ली| केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए बहुत जल्द ही ईरान की जांच एजेंसी और वहां की संबंधित अथॉरिटी को एक खत लिखने वाली है और गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह  पर जब्त करीब तीन हजार किलोग्राम मादक पदार्थ की तस्करी  से संबंधीत मसले से जानकारी मांगने वाली है, पिछले कुछ दिनों पहले जिस तरह से भारतीय जांच एजेंसी डीआरआई द्वारा एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए करीब 21 हजार करोड़ रूपये की अनुमानित बाजार मूल्य के करीब तीन हजार किलोग्राम मादक पदार्थ को जब्त किया गया था, जिसका कनेक्शन अफगानिस्तान से होते हुए ईरान का कनेक्शन सामने आया था. लिहाजा इसी बात की गंभीरता को देखते हुए ईरान की जांच एजेंसी से भारतीय जांच एजेंसी एनआईए की टीम तमाम जानकारियों और सबूतों की मांग कर सकती है.

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इसके साथ ही इस मसले पर भारतीय जांच एजेंसी एनआईए को उसकी तफ्तीश मामले में मदद करने की अपील भी कर सकती है. क्योंकी इस मादक पदार्थ की तस्करी का कनेक्शन ईरान और अफगानिस्तान से सीधे तौर पर जुड़ता हुआ प्रतीत हो रहा है. लिहाजा भारतीय विदेश मंत्रालय के माध्यम से इस अपील को ईरान की संबंधीत जांच एजेंसी और वहां की विदेश मंत्रालय को भी सूचित किया जाएगा.
क्या है डीआरआई की तफ़्तीश, जिसे एनआईए ने किया था टेकओवर
DRI के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक सितबंर में यह मादक पदार्थ को शीप में कंधार  से हसन हुसैन लिमिटेड नाम की कंपनी से आयात किया गया था. आयात (Import) करने के वक्त में यह बताया गया था, इस कंसाइनमेंट में टेलकम पाउडर  है , इस कंसाइनमेंट को अफगानिस्तान से टैल्क पत्थरों के नाम पर आयात करने का दावा किया गया था. जिसे ईरान  की बंदर अब्बास पोर्ट  से गुजरात की मुंद्रा पोर्ट के लिए भेजा गया था. डीआरआई के अधिकारी के मुताबिक नशे की यह खेप हैदराबाद के विजयवाड़ा में स्थित आशी ट्रेडिंग कंपनी के द्वारा आयात किए गए समान के अंदर छुपाकर लाया गया था, लेकिन DRI की विशेष खुफिया विंग को इस मसले की जानकारी हुई जिसके बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.