बैरिकेड्स लांघ रहे कार्यकर्ताओं को वाटर कैनन और लाठी चलाकर भगाया, MLA समेत 10 को चोटें; प्रशासन ने कहा- नहीं ली अनुमति, करेंगे कार्रवाई
इंदौर । राजनीतिक रैलियों को छूट और धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबंध के विरोध में प्रदर्शन करने गए कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया, फिर वाटर कैनन से पानी मारकर उन्हें तितर-बितर किया। पुलिस की कार्रवाई में विधायक संजय शुक्ला समेत 10 कार्यकर्ताओं को चोटें आईं। इसके बाद जब प्रशासन ने नेताओं को ज्ञापन देने बुलाया, तो उन्होंने अफसरों को गणेश जी की प्रतिमा गिफ्ट की। कांग्रेस की मौन रैली को प्रशासन से अनुमति नहीं मिली थी। मामले में एडीएम ने संबंधितों पर कार्रवाई की बात कही है।

कांग्रेस की बैठक में तय हुआ था कि वे राजबाड़ा से चार-चार लोगों की लाइन में काले कपड़े और मास्क लगाकर मौन रैली निकालेंगे और कोई गड़बड़ी नहीं होने देंगे। यह भी बताया गया कि नारेबाजी के बजाय तख्तियां लेकर हाथ में चलेंगे। अपनी मांगें ज्ञापन के माध्यम से अधिकारियों तक पहुंचाएंगे। सुबह करीब 10 बजे सभी विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेसी गांधी भवन पर एकत्र हुए। इनमें से अधिकांश ने काले कपड़े और काले मास्क पहने थे। इसके साथ ही हाथों में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की तख्तियां थी।
करीब एक घंटे बाद जब कांग्रेसियों का जमावड़ा हो गया। चार-चार की लाइन बनाई व राजबाड़ा से मौन रैली के रूप में कलेक्टोरेट के लिए रवाना हुए। रैली में वाल्मीकि समाज के लोग भी थे, जो प्रशासन से गोगादेव नवमी पर होने वाले आयोजन की स्वीकृति मांगने को लेकर साथ में थे। रैली में इंदौर कांग्रेस की प्रभारी विजया लक्ष्मी साधौ, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल आदि शामिल थे।

लाठीचार्ज कर खदेड़ा, लेकिन फिर आ गए
रैली के कलेक्टोरेट के पास पहुंचते ही कुछ कांग्रेसियों ने अनुशासन तोड़ा और नारेबाजी शुरू कर दी, फिर वे कलेक्टोरेट तक पहुंचे तो ज्ञापन देने के लिए अंदर जाने की मांग करने लगे। पुलिस ने जब मना किया तो उन्होंने कलेक्टर या एडीएम को बाहर भेजने को कहा। इसे लेकर पुलिस व कांग्रेसियों में बहस होने लगी। इस दौरान कुछ कांग्रेसी उग्र हो गए और बैरिकेड्स लांघकर जाना शुरू किया। कांग्रेसी नहीं माने तो पुलिस ने वाटर कैनन से तेज बौछारें शुरू कीं, जिससे कांग्रेसी तितर-बितर हो गए।


एडीएम को ज्ञापन, त्योहारों के आयोजन व जुलूस की अनुमति की मांग
कुछ देर बाद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कार्यकर्ताओं को समझाइश दी। पुलिस से कहा कि वे एडीएम को ज्ञापन देना चाहते हैं। एडीएम पवन जैन व राजेश राठौर बाहर आए, तो कांग्रेसियों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा व साथ में गणेश प्रतिमा भेंट की। कांग्रेसियों ने मांग की कि जब राजनीतिक रैलियों को अनुमति दी जा रही है, तो गोगा नवमी, गणेशोत्सव, जन्माष्टी आयोजन-जुलूस, जन्माष्टी आदि त्योहारों पर निकलने वाले चल समारोहों को भी अनुमति दी जाए। इसके बाद कांग्रेसी लौट गए।

नहीं मिली थी अनुमति, होगी कार्रवाई
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी बैरिकेड्स पर चढ़कर बैठ गए। पुलिस का सरकारी माइक हाथ में लेकर कार्यकर्ताओं को शांत करने का प्रयास करने लगे। कांग्रेस नेताओं को नीचे उतारने के लिए एसपी (पश्चिम) महेशचंद्र जैन आगे आए, तो पूर्व मंत्री जीतू पटवारी भड़क गए। कहने लगे, हम शांति से प्रशासन को बात कहना चाहते हैं, तो हमें बात नहीं करने दी जा रही है।
इधर, एडीएम पवन जैन के मुताबिक कांग्रेस ने मौन रैली के लिए आवेदन दिया था, जिसे विचार में रखा गया था। अनुमति नहीं दी गई थी। मौन रैली में सरकारी बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की गई। कलेक्टर ऑफिस में घुसने का प्रयास किया। सरकारी संपत्ति को नुकसान होना पाया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी। इधर, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल का कहना है, हमने प्रशासन से अनुमति मांगी थी, लेकिन नहीं मिली।