जयपुर में 300 साल पुरानी एक बावड़ी है जो कभी नहीं सूखती. इसे परंपरागत तरीके अपनाकर बचाया गया है. यही वजह है कि यहां का जल अब भी बचा है, सात साल पहले इसका जीर्णोद्धार कराया गया था.
जयपुर| राजस्थान यूं तो अपनी बावड़ियों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें कुछ सूख गईं तो कुछ ऐसी हैं, जो कभी नहीं सूखीं हैं. इन्हीं में से एक बावड़ी है. जिसमें अब भी पानी है. जयपुर की इस 300 साल पुरानी बावड़ी को परंपरागत तरीके से बचाया गया है. हम बात कर रहे हैं पुरानी गोविंद देवजी की बावड़ी की, जिसमें हमेशा पानी रहता है. कुआं, बावड़ी यहां हमेशा लबालब नजर आते हैं. ये आज भी लोगों की प्यास बुझाती है. ये बावड़ी मानसागर झील के पास है.


इस ऐतिहासिक बावड़ी का निर्माण जयपुर के आराध्य देव गोविंददेव जी के पुराने मंदिर के साथ किया गया था. तब से लेकर आज तक इस बावड़ी में कभी पानी नहीं सूखा. भले ही राजस्थान में अन्य स्थानों पर ज्यादातर कुएं बावड़ी सूखे नज़र आएं, लेकिन इस बावड़ी में मौजूद कुआं और दो बावड़ी हमेशा पानी से लबालब नज़र आती हैं. इतना ही नहीं, इन बावड़ियों से आज भी आसपास के लोगों की ज़रूरतें पूरी की जाती हैं. बल्कि कनक वृंदावन गार्डन में गार्डन मैंटन करने के लिए पूरे पानी सप्लाई ही यहीं से की जाती है. रोजा़ना यहां से हजारों लीटर पानी मोटर से निकाला जाता है. लेकिन उसके बावजूद यहां पानी स्तर काफी अच्छा बना रहता है. इसे पुराने गोविंददेव जी के मंदिर की बावड़ी के नाम से जाना जाता है.
परंपरागत तरीके से भी बचाया जा सकता है जल
यहां मौजूद कुए में हमें 35 फुट से ज्यादा पानी का स्तर बना रहता है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि सन 1700 के आसपास इसे बनाया गया था. जब यहां नलों से पानी की सप्लाई नहीं होती थी, तब आसपास के सभी लोगों की पानी ज़रूरत इसी बावड़ी से पूरी होती थी. आज भी जब शहर में जलापूर्ति में जब को रुकावट आ जाती है. लोग अपनी ज़रूरत का पानी यहीं से लेते हैं. लोगों का कहना है कि एक दशक पहले ये बावड़ी जर्जर होने लगी थी. सात साल पहले इसके जीर्णोद्धार का काम किया गया. उसके बाद से ये बावड़ी पूरी तरह से दुरुस्त है. यहां आने वाले लोगों को भी यहां पानी देख सुखद अनुभव होता है. राजधानी क्षेत्र के आसपास सर्वे किया जाए तो यहां सैंकड़ों की तादाद में ऐसी ही बावडियां हैं, अगर हम सभी बावड़ियों को सहेज कर उनका जीर्णोद्धार करवाएं तो इसी तरह से अपनी परंपराओं को बचाने से जल भी बचाया जा सकता है.