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सामने आया खून तस्करी का मामला, बिहार समेत UP के कई जिलों में करते थे सप्लाई

कीमत -निजी अस्पताल को  4 हज़ार रुपये और अस्पताल वाले मरीज को 10 हज़ार रुपये में 

चंदौली| उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में खून की तस्करी  से जुड़ा मामला सामने आया है. यहां सदर कोतवाली पुलिस ने लाल खून के काले कारोबार का खुलासा किया है. पुलिस ने 3 यूनिट ब्लड के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है.मुखबिर की सूचना पर चेकिंग के दौरान ब्लड तस्कर को पकड़ा. जबकि एक आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया. ये तस्कर वाराणसी के लहुराबीर स्थित ब्लड बैंक से खून खरीदकर बिहार प्रांत के मोहनियां व गाजीपुर के स्थित नर्सिंग होम में सप्लाई करते थे.

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दरअसल सदर कोतवाली मोड़  के पास चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान एक बाइक पर सवार होकर दो युवक पुलिस को देखते ही बाइक घुमाकर भागने का प्रयास करने लगे. हालांकि पुलिसकर्मियों ने दौड़कर बाइक चला रहे युवक को पकड़ लिया. वहीं पीछा बैठा व्यक्ति फरार होने में कामयाब हैं. ब्लड तस्कर की पहचान हथियानी गांव निवासी पंकज तिवारी के रूप में की गई. जिसके पास से तीन यूनिट में A+ व O+ ग्रुप का 600 एमएल ब्लड बरामद किया गया. पुलिस की पूछताछ में तस्करी के रैकेट खुलासा हुआ है.

उसने बताया कि वाराणसी के लहुराबीर स्थित आईएमए के ब्लड बैंक में काम करने वाले आनंद सिंह से दो-दो हजार रुपये यूनिट के हिसाब से ब्लड खरीदा था. बिहार प्रांत के मोहनियां स्थित लक्ष्मी नर्सिंग होम और गाजीपुर के दिलदारनगर में निजी अस्पताल में 4-4 हजार रुपये में बेचने के लिए सौदा किया था.अस्पताल वाले मरीजों को एक यूनिट ब्लड चढ़ाने के लिए 10-10 हजार रुपये वसूलते हैं.

दूसरे तस्कर की तलाश जारी- SHO
गौरतलब है कि जिले में खून की तस्करी का यह कोई पहला मामला नहीं है. जुलाई 2020 में तीन तस्कर पकड़े गए थे. मुख्यालय स्थित एक निजी अस्पताल से उनके कनेक्शन होने की वजह से अस्पताल भी चार माह के लिए सील रहा. कोतवाल अशोक मिश्रा ने बताया कि फरार आरोपित की पहचान हथियानी निवासी भोला के रूप में हुई है. मामले की छानबीन के साथ ही दूसरे आरोपित की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है. साथ ही इस पूरे मामले से स्वास्थ्य विभाग और आईएमए वाराणसी को अवगत करा दिया गया है.