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मध्यप्रदेश में तबादलों से बैन हटते ही मनमाफिक पोस्टिंग के लिए हो रही मारामारी

तबादला नीति में स्थानीय स्तर पर जिला प्रभारी मंत्रियों और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्रियों को अधिकार मिलने से मौसम हुआ गुलज़ार 

भोपाल | मध्य प्रदेश में लॉकडाउन  खत्म होने और तबादलों से प्रतिबंध हटते  ही मंत्रियों के बंगले गुलजार हो गए हैं. वहां पुराने दिनों की तरह रौनक लौट आयी है. बंगलों पर भीड़ उमड़ने लगी है. भोपाल में मंत्रियों के बंगलों पर लोगों की भीड़ नजर आ रही है. तबादले की आस को लेकर लोग दूर इलाकों से सरकारी अधिकारी कर्मचारी यहां पहुंच रहे हैं.
सरकार ने तबादला नीति में स्थानीय स्तर पर जिला प्रभारी मंत्रियों और राज्य स्तर पर विभागीय मंत्रियों को अधिकार दिया है. उनकी मंजूरी से ही तबादला होगा. स्कूल शिक्षा विभाग ने तबादलों को लेकर अलग से नीति जारी की है. विभाग ने तबादले की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी है. बावजूद इसके सिफारिश लगवाने के लिए मंत्रियों के बंगलों पर भीड़ है.

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भारी-भरकम विभाग वाले मंत्रियों के निवास  पर है सबसे ज्यादा भीड़
मध्य प्रदेश में तबादलों का दौर शुरू होने पर भारी-भरकम विभाग वाले मंत्रियों के निवास पर ज्यादा भीड़ देखी जा रही है. सबसे ज्यादा भीड़ प्रदेश के हैविवेट गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बंगले पर है इसी के साथ पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी, ऊर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के सरकारी निवास पर भी सुबह से लोगों की भीड़ जुटना शुरू हो जाती है. इसके अलावा जिन मंत्रियों के पास बड़े जिलों का प्रभार है उन जिलों के अधिकारी कर्मचारी भी मंत्रियों के बंगलों के आसपास घूमते हुए नजर आ रहे हैं.मंत्रियों के बंगलों पर आवेदन लेकर पहुंचे लोगों से पूछने पर तो पता चला कि भोपाल के आसपास नहीं बल्कि शहडोल, रीवा और कई बड़े शहरों से लोग आवेदन लेकर मंत्रियों के बंगलों पर पहुंच रहे हैं.
मनमाफिक पोस्टिंग के लिए मंत्रीजी का आसरा
तबादलों का मौसम आते ही मंत्रियों के बंगलों पर भीड़ बढ़ी तो कांग्रेस ने मौका लपक लिया. कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा तबादलों के जरिए लेनदेन किया जा रहा है. इसकी जांच होना चाहिए. बहरहाल सत्ता में आने के करीब सवा साल बाद ये तबादले शुरू हुए हैं. सरकार ने साफ किया है कि मानवीयता के आधार पर जरूरी तबादलों को ही मंजूरी दी जाएगी. 2 साल बाद हो रहे तबादलों में अपना नंबर लगवाने के लिए अधिकारी कर्मचारी सिफारिशी पत्र लेकर मंत्रियों के चक्कर लगा रहे हैं. सबको डर है कि कहीं कोरोना की तीसरी लहर न आ जाए, उससे पहले मंत्रीजी की सिफारिश पर मनमाफिक पोस्टिंग मिल जाए.