बाजुओं पर नहीं बची थी इंजेक्शन लगाने की जगह
20 साल की युवती ने बताया कि उसका प्रेमी और वह दोनों एक-दूसरे को हेरोइन के इंजेक्शन लगाते थे. वह बताती हैं कि छोटी उम्र में ही वह नशे की चपेट में आ गई थी. एक युवक के साथ मिलकर वह एक साल से लगातार नशीले इंजक्शन ले रही थी.
चंडीगढ़| पंजाब में आजकल नशे पर राजनीति गरमाई हुई है. नशे के मुद्दे पर राज्य में कांग्रेस की कैप्टन सरकार विपक्ष ही नहीं उनके सहयोगी भी रोजाना सवाल उठा रहे हैं. इसी बीच गुरदासपुर जिला रेडक्रास केंद्र में एक प्रेमी जोड़ा पहुंचा है. दोनों पिछले दो साल से लगातार नशा कर रहे थे और हालत यह हो गई कि नशे पर दोनों ने 22 लाख खर्च कर दिए और बाजुओं में इंजक्शन तक लगाने की जगह नहीं बची थी.
केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रोमेश महाजन का कहना है कि दोनों करीब 10 दिन पहले नशे छोड़ने के लिए केंद्र में पहुंचे थे. दोनों ने नशा न करने की कसम खाई और उनकी हालत में काफी सुधार है. 20 साल की युवती ने बताया कि उसका प्रेमी और वह दोनों एक-दूसरे को हेरोइन के इंजेक्शन लगाते थे. वह बताती हैं कि छोटी उम्र में ही वह नशे की चपेट में आ गई थी. एक युवक के साथ मिलकर वह एक साल से लगातार नशीले इंजक्शन ले रही थी.


इस बार में जब उसके घर वालों को पता चला तो उसे घर से निकाल दिया गया. इसके बाद वह पास के गांव में किराए के मकान में रहने लगी. वहां उसकी मुलाकात एक 22 साल के युवक से हुई. वह दुबई से काम करके वापस लौटा था. उससे युवती को प्यार हो गया. युवक दुबई से 22 लाख रुपए कमाकर लाया था.
बाद में बिकने लगे घर के बर्तन
युवती का कहना है कि वह उस युवक से चोरी छिपे नशा करती थी और युवक भी छुपकर नशा करता था. जब बाद में दोनों को एक दूसरे को इसकी लत का पता चला तो दोनों मिलकर साथ नशा करने लगे. इस दौरान उनके 22 लाख रुपए नशे में ही खर्च हो गए. दोनों घर के बर्तन तक बेचने को तैयार हो गए. युवती का कहना है कि वह दोनों दिन में करीब तीन हजार रुपए का नशा करते थे. प्रेमी जोड़े का कहना था कि पंजाब सरकार नशे को खत्म करने का दावा करती है लेकिन सब खुले में ही बिक रहा है. अब दोनों का जिला रेडक्रास नशा छुड़ाओ केंद्र में इलाज चल रहा है. उन्होंने नशे की दलदल में फंसे दूसरे युवाओं से भी नशा छोड़ने की अपील की है.