बिजली बिल है 8 लाख से अधिक का बकाया
अमृतसर|पंजाब में बिजली की स्थिति पर शुक्रवार को चिंता जाहिर करने वाले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर प्रदेश की बिजली कंपनी का कथित रूप से आठ लाख रुपये से अधिक का बकाया है. पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) की वेबसाइट के अनुसार, अमृतसर स्थित सिद्धू के घर का बिजली बिल 8,67,540 हो गया है जो अब तक जमा नहीं किया गया है और बिल जमा करने की आखिरी तारीख दो जुलाई है. बार-बार प्रयास के बावजूद सिद्धू इस पर टिप्पणी के लिये उपलब नहीं हो सके.

पंजाब में बिजली की किल्लत के बीच सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने शिरोमणि अकाली दल-भारतीय जनता पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार के दौरान किए गए बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को रद्द करने के लिए नया कानून लाने का शुक्रवार को आग्रह किया.
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सिद्धू ने कहा कि अगर राज्य ‘सही दिशा में’ काम करता है, तो पंजाब में बिजली कटौती या कार्यालय के समय को विनियमित करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ जारी गतिरोध के बीच सिद्धू ने कहा, ‘बिजली की लागत, कटौती, बिजली खरीद समझौतों की सच्चाई और पंजाब के लोगों को मुफ्त तथा 24 घंटे बिजली कैसे दें….. अगर हम सही दिशा में कार्य करते हैं तो पंजाब में बिजली कटौती की कोई आवश्यकता नहीं है या मुख्यमंत्री को कार्यालय के समय या आम लोगों के ‘एसी’ के उपयोग का नियमन करने की आवश्यकता नहीं है.’
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सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘पंजाब, ‘नेशनल ग्रिड’ से बहुत सस्ती दरों पर बिजली खरीदी जा सकती है, लेकिन शिरोमणि अकाली दल और भाजपा की सरकार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा हस्ताक्षरित पीपीए पंजाब के हित के खिलाफ काम कर रहे हैं. माननीय अदालतों से कानूनी संरक्षण प्राप्त होने के कारण पंजाब इन पीपीए पर फिर से बातचीत करने में सक्षम नहीं हो सकता है, लेकिन आगे एक रास्ता है.’ उन्होंने कहा कि पंजाब विधानसभा किसी भी समय ‘नेशनल पावर एक्सचेंज’ पर उपलब्ध कीमतों पर बिजली खरीद लागत को सीमित करने के लिए पूर्वव्यापी प्रभाव से नया कानून ला सकती है.
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार के कार्यालयों के समय में शुक्रवार से कटौती करने और ज्यादा ऊर्जा खपत करने वाले उद्योगों को बिजली आपूर्ति में कटौती करने का आदेश दिया था. मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी कार्यालयों से बिजली का उचित इस्तेमाल करने की भी अपील करते हुए कहा कि स्थिति काफी गंभीर है क्योंकि राज्य में बिजली की मांग 14,500 मेगावाट पर पहुंच गई है.