सतना में डिप्लोमा होल्डर इंजीनियरों की भरमार फिर भी फर्जी डिग्रीधारी पर भरोषा


प्राप्त जानकारी के अनुसार अरुण तिवारी कार्यपालन यंत्री नगर निगम सतना नगर निगम सतना के कार्यों के साथ स्मार्ट सिटी सतना का कार्य भी देख रहे हैं| अरुण तिवारी आज तक किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई नही पढ़ें ,मात्र इंजीनियर का डिप्लोमा लिए हैं ,इनकी अंडर में जो इंजीनियर कार्य कर रहे हैं वह इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़कर इंजीनियर बने हैं |हो सकता है कि अरुण तिवारी ने किसी यूनिवर्सिटी से पार्ट टाइम इंजीनियरिंग की डिग्री ली हो, अरुण तिवारी के पूर्व में भी कई कार्यों को उजागर किया जा चुका है| वर्तमान में भी यह भवन मानचित्र स्वीकृत करने का दायित्व इन के कंधों पर बोझ बना है ,परंतु यह बोझ यह बड़ी आसानी से उठा रहे क्योंकि भवन मानचित्र स्वीकृत करने में यह माहिर है| पूर्व में भी जब इनके पास भवन मानचित्र की स्वीकृति प्रदान करने की पात्रता थी ,उन्होंने गांधी चौक स्थित एक 70 वर्ष पुराने गार्डर पटिया से बने जर्जर मकान पर दूसरी और तीसरी मंजिल के निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी थी ,जिसे भवन स्वामी ने पूरे भवन को ध्वस्त कर नीचे से ऊपर तक नया निर्माण किया |जब सतना आयुक्त नगर निगम श्री अमन वीर सिंह जी की जानकारी में यह प्रकरण लाया गया तो उन्होंने तत्काल कार्यवाही कर उस भवन को सील कर दिया होल्डर इंजीनियरों की भरमार । प्राप्त जानकारी के अनुसार अरुण तिवारी कार्यपालन यंत्री नगर निगम सतना नगर निगम सतना के कार्यों के साथ स्मार्ट सिटी सतना का कार्य भी देख रहे हैं, अरुण तिवारी आज तक किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई नही पढ़ें ,मात्र इंजीनियर का डिप्लोमा लिए हैं ,इनकी अंडर में जो इंजीनियर कार्य कर रहे हैं वह इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़कर इंजीनियर बने हैं |हो सकता है कि अरुण तिवारी ने किसी यूनिवर्सिटी से पार्ट टाइम इंजीनियरिंग की डिग्री ली हो अरुण तिवारी के पूर्व में भी कई कार्यों को उजागर किया जा चुका है| वर्तमान में भी यह भवन मानचित्र स्वीकृत करने का दायित्व इन के कंधों पर बोझ बना है ,परंतु यह बोझ यह बड़ी आसानी से उठा रहे क्योंकि भवन मानचित्र स्वीकृत करने में यह माहिर है|पूर्व में भी जब इनके पास भवन मानचित्र की स्वीकृति प्रदान करने की पात्रता थी ,उन्होंने गांधी चौक स्थित एक 70 वर्ष पुराने गार्डर पटिया से बने जर्जर मकान पर दूसरी और तीसरी मंजिल के निर्माण की अनुमति प्रदान कर दी थी ,जिसे भवन स्वामी ने पूरे भवन को ध्वस्त कर नीचे से ऊपर तक नया निर्माण किया ,जब सतना आयुक्त नगर निगम श्री अमन वीर सिंह जी की जानकारी में यह प्रकरण लाया गया तो उन्होंने तत्काल कार्यवाही कर उस भवन को सील कर दिया|