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सरकार को मनुष्यों के खाने की चिंता है पर जानवरों की नहीं ,तो आखिर ध्यान देगा तो कौन ?

संवादाता -गजेंद्र कुमार 

ढूंगेश्री पहाड़ स्थित बौद्ध स्तूप स्थल पर बेजुबान जानवर बंदरो को नहीं मिला रहा है खाना भूख से तड़प रहे हैं दिन रात।

गया । सरकार सब तरफ चाहें केंद्र सरकार कहें या फिर राज्य सरकार सबकी नज़र केवल मनुष्यों ने जिंदगी की और लगी रहती है बहुत कम ध्यान वह जानवरों पर देती है ,हम यह दिखाने जा रहे है कैसे जंगल जैसी जगह पर बन्दर जैसे जानवर भूखा के मारे व्याकुल हो रहे है उनकुई यहाँ चिंता करने वाला कोई नहीं है । फारेस्ट बिभाग तो बना ही जंगल की देखभाल उसके संरक्षण के लिए है लेकिन वह केवल अपने राजस्व पूर्ति पर ही ध्यान केन्द्रित करता है वहां के जानवर भूखे हैं या प्यासे उन्हें कोई मतलब नहीं होता है हाँ अगर किसी व्यक्ति से अगर भूल से भी किसी जानवर की हत्या हो जाए तो फिट लंबे लंबे कानून की धारा निकलते है उन्हें सजा दिलवाने के लिए ।

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कोरोना  महामारी बीमारी आने के और  लॉक डाउन लगने के बाद विश्व प्रसिद्ध गया के ढूंगेश्री मंदिर के समीप बेजुबान जानवर बंदरों को नहीं मिल रहा खाना भूख मिटाने के लिए भटक रहे हैं इधर से उधर। जब हमारे  पत्रकार गजेंद्र कुमार ने पर्यटक स्थल ढूंगेश्री शाम के वक्त घूमने गए तो आश्चर्यचकित हो गए बंदरो को भूखे देखकर। यह स्थिति देख उन बेजुबान जानवर के लिए कुछ बिस्किट लेकर उनके पास गए तभी जानवरों ने बिस्किट को खूब मजे से भूख मिटाने के लिए खाने लगे और लोग भी वहां घूमने गए हुए थे उन लोग भी कुछ बिस्किट लेकर आए थे तब कुछ समय वहा बिताया और सोचने लगा की उन बेजुबान जानवरों के बारे मे कौन सोच रहा है क्या सरकार इनलोगो जे लिए कुछ करेगी, जो बोल भी नहीं सकते हैं खाने के लिए तभी मैंने सोचा क्यों ना इनके लिए कुछ खाने वाली सामग्री उपलब्ध करा सकूं तभी हमने अपने घर फोन कर इन बेजुवान जानवरो के  लिए रोटी बनाने को कहा ताकि इनकी भूख को कुछ हद तक मिटा सकें । रोटी बन जाने की खबर पाकर एक पत्रकार सहयोगी के साथ रोटी खिलाने चल दिए । उन बेजुबान जानवरों को पर्यटक स्थल पर दूसरे  पत्रकार  साथी अवनीश कुमार के साथ  बेजुबान जानवर बंदरों को रोटी खिलाया ।इस पर्यटक स्थल पर किसी समस्त अधिकारी  वन विभाग का ध्यान नहीं है तो दो अलग–अलग चैनल के पत्रकार  गजेंद्र कुमार और बहुजन रक्षक के अवनीश कुमार ने पर्यटक स्थल पर जा कर बेजुबान जानवरों को रोटी खिला कर और यह स्लोगन दिया सेवा ही धर्म है, धर्म ही सेवा ईस करोना महामारी बीमारी आने के बाद पर्यटकों का यंहा आना जाना बंद हो जाने के कारण इस बेजुबान जानवरो को किसी भी तरह का सहायता नही मिल रहा है इस पर्यटक स्थल डुंगेश्वरी पहाड़ पर बेजुबान जानवर भूख से तड़प रहे दिन रात लेकिन हमारे  प्रखर पत्रकार गजेंद्र कुमार ने इन जानवरों का दुख दर्द अपने दिल में लगा कर घर में रोटी बनाकर आज अपने बहुमूल्य समय देकर इन जानवरों का ख्याल रखते हुए अपने हाथों से रोटी खिलाया ।