घर में परीक्षा सिर्फ हो रहा नक़ल बिना अकल,12वीं के स्टूडेंट, पूरे सही जवाब दिए तो मिलेंगे 100 में से 100
रायपुर |छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल 12वीं की परीक्षा ले रहा है। इस बार एग्जाम फ्रॉम होम की तर्ज पर परीक्षा हो रही है। क्वैश्चन पेपर और आंसरशीट घर ले जा चुके बच्चे देखकर सही जवाब लिख रहे हैं। ज्यादातर स्टूडेंट आंसर लिखने गाइड (कुंजी) लेकर बैठ गए हैं। सवालों के जवाब हू ब हू आंसरशीट पर उतारे जा रहे हैं। इतना ही नहीं स्टूडेंट्स कुछ के जवाब इंटरनेट से भी देख रहे हैं।


छत्तीसगढ़ के कुछ यूट्यूब चैनलों ने भी जवाब अपलोड किए हैं। सभी विषयों के जवाब आंसर शीट पर 5 दिनों में लिखने हैं। जिन बच्चों ने 1 जून को पेपर लिया था वो 6 जून काे इसे जमा करेंगे। क्वैश्चन पेपर 5 जून शनिवार तक बांटे गए हैं। आखिरी दिन पेपर घर ले गए बच्चों को भी 5 दिनों का वक्त मिलेगा।
कोरोना से पहले इसे नकल कहा जाता था अब एग्जाम फ्रॉम होम
मार्च साल 2020 में कोरोना वायरस छत्तीसगढ़ में आया। तब से स्कूल लगभग बंद ही हैं। इससे पहले परीक्षाएं सामान्य तरीके से हो रही थीं। अब एग्जाम फ्रॉम होम या परीक्षा कैंसल कर बच्चों को पास करने का कॉन्सेप्ट अपनाना पड़ रहा है। घर पर एग्जाम देने की आजादी को स्टूडेंट सीधे नकल करने से जोड़कर देख रहे हैं, बिना किसी चिंता के किताबों से जवाब देखकर लिख रहे हैं। साल 2020 के पहले ऐसा करते पाए जाने पर स्टूडेंट्स को फेल कर दिया जाता था।

शिक्षा मंत्री बोले- बिना परीक्षा लिए पास कर देने से तो ठीक ही है
दैनिक भास्कर ने शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम से एग्जाम कम चीटिंग से आंसर लिखने की प्रक्रिया पर सवाल किया,पढ़िए उन्होंने क्या कहा-

बच्चे देखकर आंसर लिख रहे हैं क्या इससे नकल को बढ़ावा नहीं मिल रहा ?
-और जो परीक्षा लिए बिना ही पास कर रहे हैं उसका क्या, अरे भई कम से कम बच्चे लिख तो रहे हैं,इससे उनकी कुछ तो पढ़ाई होगी। कम से कम लिखकर परीक्षा में तो शामिल हो रहे हैं बच्चे।
मुल्यांकन कैसे होगा ?
-करेंगे सही तरीके से ही होगा मूल्यांकन ।
आप इस तरह से परीक्षा लेने को सही मानते हैं ?
-यहां तो बच्चों को बिना पढ़े, बिना लिखे ही पास किया जा रहा है। हम तो परीक्षा ले रहे हैं। देखिए अगर कोई बच्चा पूरे साल पढ़ा ही नहीं है तो उसे ये भी नहीं पता होगा कौन सा चैप्टर कहां है। 5 दिन में पूरे जवाब लिखकर पेपर जमा भी करना है। कम से कम परीक्षा देने की वजह से बच्चा कुछ तो पढ़ेगा ही ।
तो मिलेंगे 100 में से 100 नंबर
-छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के मुताबिक इस बार 12वीं के मूल्यांकन का आधार आंसरशीट में लिखे जवाब को ही बनाया है, इसपर माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव वीके गोयल ने दैनिक भास्कर से कहा कि जब हम ओपन बोर्ड एग्जाम ले रहे हैं तो अंडरस्टूड है कि बच्चे देखकर लिखेंगे।
गोयल ने कहा कि जो जवाब आंसरशीट पर बच्चा लिखेगा उसे उसके आधार पर नंबर मिलेंगे। जब रिपोर्टर ने पूछा कि- ज्यादातर बच्चे को चीटिंग करके जवाब लिख रहे हैं, ऐसे में तो वो 100 में 100 नंबर भी हासिल कर सकते, पूरे सही जवाब लिखकर ? गोयल ने कहा हमने मूल्यांकन का नियम नहीं बदला है जैसा जवाब आंसरशीट में होगा नंबर दिए जाएंगे।
करियर एक्सपर्ट बोले- आखिर में ज्ञान काम आता है
डॉ. अजीत वरवंडकर छत्तीसगढ़ के करियर काउंसलर हैं। उन्होंने बताया कि CBSE ने परीक्षा रद्द कर दी और छत्तीसगढ़ बोर्ड के बच्चे घर पर आंसर लिख रहे हैं। कई बार फैसला सभी बच्चों को ध्यान में रखकर लिया जाता है। ऑनलाइन एग्जाम के विकल्प पर बात होती है मगर ये सच है कि बहुत से बच्चे ऑनलाइन क्लास अटेंड नहीं कर पा रहे तकनीकी अभाव की वजह से। ऐसे में वो कैसे परीक्षा देंगे।

डॉ. वरवंडकर ने कहा कि अब मेरे पास पैरेंट्स के कई फोन कॉल आ रहे हैं। सभी का सवाल है कि अब आगे क्या होगा। देखिए 12वीं के मार्क्स ग्रैजुएशन के लिए कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए मायने रखते हैं, इस पर असर पड़ना तो तय है। मगर करियर में 12वीं के मार्क्स उतनी अहमियत नहीं रखते। स्टूडेंट को आगे उसका ज्ञान ही लेकर जाएगा। इसलिए मेरी तो सलाह है कि पैरेंट्स तनाव न लें, हालांकि स्टूडेंट आंसर अपनी काबिलियत से दें तो ये उनके लिए और अच्छी बात होगी।