पहलवान सागर मर्डर केस में सुशील को 6 दिन की पुलिस कस्टडी में
दिल्ली |छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट पहलवान सागर राणा की हत्या के मामले में ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट सुशील कुमार को 6 दिन के लिए दिल्ली पुलिस की कस्टडी में भेज दिया गया है। पुलिस ने दिल्ली कोर्ट से 12 दिन की कस्टडी मांगी थी। सुशील कुमार और साथी अजय को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजधानी के ही मुंडका इलाके से रविवार सुबह ही गिरफ्तार किया था।

सुशील और अजय दोनों 4 मई को देर रात हुई घटना के बाद से फरार चल रहे थे। पूरे 18 दिन तक फरार रहने के बाद दोनों पुलिस की गिरफ्त में आए। इस बीच, खुलासा हुआ है कि सुशील ने मृतक सागर से मारपीट का वीडियो भी बनवाया था, ताकि सर्किट में उसका प्रभाव बरकरार रहे।
मृतक सागर राणा के पिता अशोक ने आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमारे पास सुशील के खिलाफ मजबूत सबूत हैं। उसे सख्त सजा दी जानी चाहिए। मुझे और मेरे परिवार को कानून पर पूरा भरोसा है।
सुशील पर 1 लाख का इनाम था
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने कहा, ‘स्पेशल सेल की टीम ने आज फरार पहलवान सुशील कुमार और उसके साथी अजय को मुंडका से गिरफ़्तार किया। हमने सुशील पर एक लाख रुपए और अजय पर 50,000 रुपए के इनाम की घोषणा की थी।’ स्पेशल सेल को इंस्पेक्टर शिव कुमार, इंस्पेक्टर करमबीर और ACP अतार सिंह लीड कर रहे थे|
रोहिणी कोर्ट ने खारिज की थी जमानत याचिका
मंगलवार को रोहिणी कोर्ट ने सुशील की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। सुशील पर IPC सेक्शन 302 (हत्या), 365 (अपहरण), 120-B (आपराधिक साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज है।
पंजाब में भी छापेमारी की गई थी
स्पेशल सेल क्राइम ब्रांच के अलावा दिल्ली पुलिस की कई टीमों ने पंजाब के बठिंडा, मोहाली समेत कई राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। दिल्ली में भी कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, लेकिन सुशील हाथ नहीं आए। इससे पहले बीते दिन लगातार सुशील की गिरफ्तारी की अफवाहें उड़ती रहीं।

क्या है पूरा मामला?
पुलिस के मुताबिक, 4 मई की देर रात दिल्ली के मॉडल टॉउन थाने के इलाके में सुशील और उनके साथियों ने एक फ्लैट से पहले सागर और उसके दोस्तों को हथियार के बल पर किडनैप किया। फिर छत्रसाल स्टेडियम में ले जाकर उनकी पिटाई की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस को स्टेडियम का एक CCTV फुटेज भी हाथ लगा है। इसमें सुशील हॉकी स्टिक से सागर और उसके साथियों को मारते दिखे।
पुलिस के मुताबिक, छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग एरिया में पहलवान के दो गुटों में झड़प के दौरान फायरिंग भी हुई। इसमें 5 पहलवान जख्मी हो गए। इनमें सागर (23), सोनू (37), अमित कुमार (27) और 2 अन्य पहलवान शामिल थे।
सुशील कुमार ने पिटाई का वीडियो भी बनवाया था
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि मृतक सागर की पिटाई के दौरान उसका वीडियो भी बनाया गया था। वीडियो बनाने का मकसद ये था कि आरोपी सुशील कुमार का उसके सर्किट में प्रभाव बना रहे और कोई उसका विरोध न कर सके। जानकारी के मुताबिक, सुशील ने प्रिंस से पिटाई का वीडियो बनाने को कहा था, लेकिन इसी दौरान सागर की मौत हो गई। इसके बाद आरोपी भाग गए।
सागर पर घर खाली करने का दबाव बना रहे थे सुशील
सागर ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल का बेटा था। बताया जा रहा है कि यह झगड़ा प्रॉपर्टी विवाद को लेकर हुआ था। सागर और उसके दोस्त जिस घर में रहते थे, सुशील उसे खाली करने का दबाव बना रहे थे। साथ ही सागर उस घर का किराया भी नहीं दे रहे थे।
वहीं द प्रिंट ने 7 मई को एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस की जांच में पता चला है कि सागर ने सुशील को खुलेआम बदमाश कह दिया था। सुशील इसलिए सागर से नाराज थे क्योंकि उनको लग रहा था कि सागर उनकी छवि खराब कर रहा है। इसलिए वह सागर को सबक सिखाना चाहते थे।
घटनास्थल से डबल बैरल गन और कारतूस मिले
पुलिस को घटनास्थल से 5 गाड़ियों के अलावा एक लोडेड डबल बैरल गन और 3 जिंदा कारतूस बरामद हुआ। दिल्ली पुलिस ने बताया कि वे सुशील कुमार की भूमिका की जांच कर रहे हैं, क्योंकि उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद पुलिस ने सुशील और अन्य आरोपी की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी भी की।
सामने नहीं आ रहे थे आरोपी
लुकआउट नोटिस जारी करने के बाद भी सुशील इस मामले में पुलिस का साथ देने के लिए सामने नहीं आए। इस कारण उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया। इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस ने फरार चल रहे सुशील और उनके PA अजय के ऊपर इनाम की घोषणा भी की। इनके अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया।
मेरठ टोल पर कार में दिखे थे सुशील
दिल्ली पुलिस को एक फोटो भी हाथ लगी थी। बताया जा रहा है कि यह फोटो मेरठ टोल की थी। इसमें सुशील कुमार एक शख्स के साथ कार में बैठे दिखाई दे रहे थे। पुलिस के अनुसार यह फोटो घटना के बाद 6 मई की थी।
सुशील ने आरोपों से इनकार किया था
घटना के एक दिन बाद सुशील ने मामले पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि वह हमारे साथी पहलवान नहीं थे। हमने ही पुलिस अधिकारियों को सूचित किया था कि कुछ अज्ञात लोग हमारे परिसर में घुसकर झगड़ा कर रहे हैं। सुशील ने 2012 के लंदन ओलिंपिक में सिल्वर और 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।