गोरखपुर |गोरखपुर शहर में गुरुवार को बंदरों ने एक लड़की को तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा। बंदरों के झुंड में फंसी लड़की ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। लेकिन जब तीन घंटे बीत जाने के बाद भी बंदर वहां से नहीं हटे तो मजबूरन परिवार के लोगों ने मदद के लिए पुलिस का सहारा लिया। सूचना पर पहुंची पीआरवी टीम ने काफी मशक्कत कर बंदरों को वहां से खदेड़ा और लड़की को कमरे से बाहर निकाला।

डर से कमरा बंद किया, दब गया था बंदर का हाथ

कैंट इलाके के दिव्यनगर कालोनी निवासी बैंक मैनेजर के घर के उपरी मंजिल स्थित एक कमरे में उनके घर की लड़की प्रियंका सो रही थी। सुबह करीब 6 बजे 10-12 की संख्या में बंदर कमरे के बाहर आ गए। बंदरों का शोर सुनकर प्रियंका की नींद खुली। उसने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। इस दौरान एक बंदर का दरवाजे में हाथ दब गया और वह चोटिल हो गया। इसके बाद देखते ही देखते वहां 30 से 35 की संख्या में बंदर आ गए और घर के खिड़की दरवाजे पर उत्पात मचाने लगे।
पुलिस ने गुलेल तानकर बंदरों को भगाया
वहीं, इस दौरान आसपास या घर के लोग बाहर निकलने की हिम्मत तक नहीं जुटा सके। बाद में दीपक नाम के युवक ने इसकी सूचना डॉयल 112 को दी। सूचना पर पीआरवी 0317 के कमांडर उपेंद्र मल्ल, मिथिलेश तिवारी व चालक पुरषोत्तम पटेल मौके पर पहुंच गए और छत पर जाकर गुलेल व लाठी डंडे का प्रयोग कर बंदरों को किसी तरह वहां से भगाया। साथ ही दरवाजा खोलकर बंदर का हाथ बाहर निकाला और कमरे में फंसी प्रियंका को भी बाहर निकाल लिया। परिवार व आसपास के लोगों ने पुलिस टीम को इसके लिए धन्यवाद दिया।