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दुर्ग न्यायालयीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वेक्सीनेशन किया गया

कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए न्यायालयीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वेक्सीनेशन जिला न्यायालय सभागार दुर्ग में किया गया

दुर्ग |श्री राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीशध्अध्यक्ष जिला विधिक सेवाप्राधिकरण के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में कोविड-19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए जिला न्यायालय के सभागार में आज न्यायालयीन अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वेक्सीनेशन का कार्य किया गया  । जिला न्यायालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों को अधिक से अधिक मात्रा में वैक्सीनेशन कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया था । जिला न्यायालय दुर्ग में आज विशेष शिविर लगाकर 200 से अधिक न्यायिक अधिकारी, कर्मचारियों, पैरालीगल वालिन्टियर्स व उनके परिवार के सदस्यों को कोरोना टीका का पहला डोज लगाया गया, जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव के निर्देशन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के द्वारा विशेष शिविर का आयोजन किया गया । जिला टीकाकरण अधिकारी के द्वारा आन लाईन पंजीयन कर टीका लगाया जा रहा है ।

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प्राधिकरण के सचिव श्री राहूल शर्मा ने बताया कि मौजूदा समय में न्यायिक अधिकारी , कर्मचारी भी संक्रमित हो रहे हैं, जिसे देखते हुए जिला न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव के द्वारा टीकाकरण की योजना बनाई गई थी । जब कि आज न्यायाधीशगण, कर्मचारीगण व उनके परिवार के सदस्यों ने भी टीका लगवाया । जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना वायरस की महामारी से उत्पन्न चुनौती और खतरे से निपटने के लिए भारत सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई जानकारी और सलाह को सावधानी व सही तरीके से पालन कर वायरस के स्थानीय प्रसार को रोका जा सकता है। मास्क लेते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें की मास्क आपके साइज का हो यानी इस बात को समझ लें कि यह आपको सही से फिट हो जाए । कईं बार ऐसा हुआ है कि लोग मास्क तो ले लेते हैं लेकिन मास्क में पूरी तरह हवा आती जाती रहती है । ऐसे मास्क पहनने का कोई फायदा नहीं होगा । मास्क बनाते समय उन सामग्रियों का इस्तेमाल होना चाहिए जो हवा के छोटे से छोटे कणों को रोकने में सक्षम हो और सांस को बाहर छोड़ने के लिए एक बेहतर वेंटिलेशन भी प्रदान करे । ट्रिपल लेयर मास्क संक्रमण से बचने के लिए यह मास्क कुछ कारगर है लेकिन इससे भी 30 से 40 प्रतिशत तक ही बचाव हो पाता है। तीन लेयर होने की वजह से यह संक्रमण को कुछ हद तक रोकने में कामयाब रहता है