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कर्ज के भुगतान के लिए बैंक ने दिया 6 माह की मोहलत

कोविड की दूसरी लहर ने बिगाड़े हालात:बैंक बकाया के भुगतान के लिए मिले 6 महीने का मॉरेटोरियम, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका

  • सुप्रीम कोर्ट से आग्रह- 6 महीने तक संपत्ति की नीलामी पर रोक लगे
  • अगले 6 महीने तक कोई भी अकाउंट NPA घोषित ना किया जाए

नई दिल्ली |कोविड की दूसरी लहर के कारण आर्थिक हालात फिर से बिगड़ गए हैं। ऐसे में बैंक के बकाया भुगतान के लिए 6 महीने का मॉरेटोरियम दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में यह मांग की गई है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, एडवोकेट विशाल तिवारी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की गई है। याचिका में आग्रह किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट सभी वित्तीय संस्थानों को आदेश दे कि 6 महीने तक किसी भी नागरिक की संपत्ति नीलाम ना की जाए। ना ही कोई भी अकाउंट 6 महीने तक नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स, यानी NPA घोषित किया जाए।

RBI ने अभी तक मोरेटोरियम पर कोई फैसला नहीं लिया

कोविड की दूसरी लहर सामने आने के बाद अभी तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मॉरेटोरियम को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि, पिछले सप्ताह RBI ने कहा था कि बैंक 2 साल की अवधि के लिए लोन री-स्ट्रक्चर कर सकते हैं। याचिका में री-स्ट्रक्चरिंग स्कीम के तहत 2 साल की समय सीमा को बढ़ाने की मांग की गई है।

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केंद्र-RBI ने कोई कदम नहीं उठाया

याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोविड के कारण लोगों के सामने पैदा हुए आर्थिक संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार और RBI ने कोई कदम नहीं उठाया है। ना ही इसका प्रभाव कम करने के लिए किसी वित्तीय पैकेज की घोषणा की गई है। याचिका में कहा गया है कि उत्तरदाताओं ने ऐसा ना करके आजीविका के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया है। ऐसे में आम जनता के हित में कोर्ट का इस मामले में तुरंत दखल देने जरूरी है।

RBI उठा सकता है जरुरी कदम

अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कोर्ट ने याचिका स्वीकार की है या नहीं? यदि याचिका स्वीकार कर ली गई है तो RBI आगे क्या कदम उठा सकता है? हालांकि, यह स्पष्ट है कि RBI भविष्य में इसको लेकर कदम उठा सकता है। इसमें से कुछ कदमों की घोषणा जून के पहले सप्ताह में होने वाली मॉनिटरी कमेटी की बैठक के बाद हो सकती है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पहले भी कदम उठाए जा सकते हैं।

क्या है RBI की री-स्ट्रक्चरिंग स्कीम?

RBI ने कोविड को देखते हुए हाल ही में एक नई री-स्ट्रक्चरिंग स्कीम को मंजूरी दी है। व्यक्तियों, छोटे व्यवसायों और MSME जिनके पास 25 करोड़ रुपए तक का कुल एक्सपोजर है और जिन्होंने पहले के रीस्ट्रक्चरिंग से कोई लाभ नहीं उठाया है; जिन्हें 31 मार्च, 2021 तक स्टैंडर्ड लोन के रूप में क्लासीफाई किया गया था, वे रिजोल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 के तहत इसके लिए योग्य होंगे। हालांकि, यह बैंकों के ऊपर है कि वे आपको इसका लाभ देंगे या नहीं और किस तरह देंगे, यह भी उन्हीं के ऊपर है।