शनिवार की शाम पांच बजे अस्पताल के ऊपरी फ्लोर में आईसीयू में शार्ट सर्किट से अचानक आग लग गई जिससे अफरा-तफरी मच गयी. घटना के वक्त अस्पताल के आईसीयू (ICU) में लगभग 50 मरीज भर्ती थे. इन सभी को वहां से निकालकर शहर के अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है
रायपुर| छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित राजधानी हॉस्पिटल के कोविड आईसीयू में आग लगने से दो मरीजों की मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि शनिवार की शाम पांच बजे अस्पताल के ऊपरी फ्लोर में आईसीयू में अचानक आग लगी जिससे अफरा-तफरी मच गयी. घटना के वक्त अस्पताल के आईसीयू में लगभग 50 मरीज भर्ती थे. आग लगने से सभी कमरों में धुंआ भर गया जिससे मरीजों का दम घुटने लगा. अस्पताल का फायर सिस्टम काम नहीं कर रहा था इसलिए फायर ब्रिगेड की टीम को तुरंत इसकी सूचना दी गयी. इसके बाद वार्ड में लगे कांच को तोड़कर धुआं बाहर निकलने की जगह बनायी गयी.

कवर्धा जिला से आये प्रिय प्रकाश साहू ने बताया कि उनके भाई नरेश साहू कोरोना के मरीज हैं जिन्हें वो इलाज के लिए राजधानी हॉस्पिटल लेकर आये थे. प्रिय प्रकाश ने बताया कि आग लगने के जानकारी उन्हें अस्पताल प्रबंधन द्वारा नहीं दी गयी, अस्पताल में ही भर्ती एक दूसरे मरीज द्वारा जानकारी दिये जाने के बाद वो यहां पहुंचे. लेकिन अब तक कोई उन्हें यह नहीं बता पा रहा है कि उनके भाई को किस अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. प्रिय प्रकाश के मुताबिक वो रायपुर के कई अस्पतालों में जाकर देख चुके हैं लेकिन उनके भाई का अब तक पता नहीं चला है.
इस बीच मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज के लिए लाखों रूपए वसूले जा रहे हैं. लेकिन यहां शार्ट सर्किट से आगजनी की घटना के बाद जरूरी फायर सेफ्टी सिस्टम तक काम नहीं कर रहा था. तमाम तरह की कुव्यवस्थाओं के बीच यह अस्पताल चल रहा है.
वहीं, ग्रामीण एएसपी तारकेश्वर पटेल ने कहा कि अस्पताल में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी है जिससे यहां भर्ती दो मरीजों की मौत हो गयी है. बाकी मरीजों को दूसरे अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा है. उन्होंने जांच के बाद आगे की कार्रवाई करने की बात कही.
दरअसल अस्पताल में जितने भी मरीज भर्ती थे उनमें से अधिकतर कोविड के मरीज थे. फायर ब्रिगेड की टीम आने के बाद आग पर काबू पाया गया लेकिन इस दौरान दम घुटने से दो मरीजों की मौत हो गयी. वहीं, रेस्क्यू किए गए बाकी मरीजों को शहर के अलग-अलग अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है. लेकिन अधिकतर मरीज वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड पर थे ऐसे में शिफ्टिंग के दौरान कई मरीजों की जान पर खतरा बना हुआ है. हैरानी की बात है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा जिन मरीजों को शिफ्ट किया गया उनके परिजनों को इसकी खबर नहीं दी गयी.

अस्पताल ने मरीजों के परिजनों को शिफ्ट करने की नहीं दी जानकारी
कवर्धा जिला से आये प्रिय प्रकाश साहू ने बताया कि उनके भाई नरेश साहू कोरोना के मरीज हैं जिन्हें वो इलाज के लिए राजधानी हॉस्पिटल लेकर आये थे. प्रिय प्रकाश ने बताया कि आग लगने के जानकारी उन्हें अस्पताल प्रबंधन द्वारा नहीं दी गयी, अस्पताल में ही भर्ती एक दूसरे मरीज द्वारा जानकारी दिये जाने के बाद वो यहां पहुंचे. लेकिन अब तक कोई उन्हें यह नहीं बता पा रहा है कि उनके भाई को किस अस्पताल में शिफ्ट किया गया है. प्रिय प्रकाश के मुताबिक वो रायपुर के कई अस्पतालों में जाकर देख चुके हैं लेकिन उनके भाई का अब तक पता नहीं चला है.
इस बीच मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज के लिए लाखों रूपए वसूले जा रहे हैं. लेकिन यहां शार्ट सर्किट से आगजनी की घटना के बाद जरूरी फायर सेफ्टी सिस्टम तक काम नहीं कर रहा था. तमाम तरह की कुव्यवस्थाओं के बीच यह अस्पताल चल रहा है.
वहीं, ग्रामीण एएसपी तारकेश्वर पटेल ने कहा कि अस्पताल में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी है जिससे यहां भर्ती दो मरीजों की मौत हो गयी है. बाकी मरीजों को दूसरे अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा है. उन्होंने जांच के बाद आगे की कार्रवाई करने की बात कही.