एक दूल्हा और चार बाराती ,और क्या चाहिए बस हो गई शादी
कवर्धा |कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच एक बार फिर जहां देश भर में खौफ का माहौल बन रहा है, वहीं कवर्धा में एक शादी ऐसी भी हुई जिसने लोगों को कोरोना के खतरे के बीच सकारात्मक संदेश दिया है. कोरोनाकाल में यह विवाह मिसाल बन गया है. जहां शादी करने पर बैंड, बाजा, बारात के साथ लोग पहुंचते थे, वहां कोरोना ने चंद लोगों की उपस्थिति में शादी करने को मजबूर कर दिया. पिछले वर्ष भी ऐसी कई शादी देखने को मिली थीं और इस वर्ष भी शादी का सीजन आते ही कोरोना ने फिर कोहराम मचाना शुरू कर दिया. कोरोना के बढ़ते शिकंजे के चलते एक बार फिर सादगी पूर्वक विवाह कराया जा रहा है.


दरअसल, एक ऐसी ही बारात कवर्धा जिला के लोहारा ब्लॉक के ग्राम टाटिकसा में कांता साहू के घर पहुंची है. इस बारात में ना बैंड है ना बाजा, केवल दूल्हा है और 2-4 बराती. इस विवाह में कोविड-19 नियमों का पालन किया गया है. यह शादी बिना ताम- झाम के मंदिर में बहुत ही सादगी पूर्ण तरीके से हो रही है. गांव में यह विवाह कार्यक्रम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.
यह शादी पूरे रीति रिवाज के साथ हो रही हैं. शादी में बिल्कुल भी भीड़भाड़ नहीं रही. इस वजह से कोरोना वायरस फैलने का खतरा नहीं होगा. खास बात यह है कि इस परिवार ने कोरोनाकाल में जागरूकता दिखाई. समाज क्या कहेगा के डर को पीछे छोड़ इन लोगों ने सभी के स्वास्थ्य को सामाजिक तानों और शादी के आयोजनों से ऊपर माना.कोरोना के आगे सभी नियम कानून को मानने मजबूर हुए हैं. परिजनों को कहना है कि कोरोना की वजह से उन्होंने शादी के आयोजन को सीमित किया है, नहीं तो भला ऐसे कोई शादी होती है. दूल्हे के साथ सिर्फ पांच लोग ही शादी में शमिल हुए. शादी में कम लोगों को लाने का ये तरीका बढिय़ा है. ये दूसरों के लिए मिसाल है. कम खर्च में भी शादी हो सकती है.