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दवा कंपनी की आड़ में कॉल सेंटर चलाकर कर रहे थे धोखाधड़ी
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दो आरोपी बैंक में काम कर रहे थे इसलिए उन्हें कार्रवाई की अच्छी जानकारी थी
भोपाल|बंद इंश्योरेंस पॉलिसी को चालू कराने और लाभ का लालच देकर भेल के रिटायर्ड कर्मचारी से 40 लाख की ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को सायबर सेल पुलिस ने दिल्ली और कानपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी दवा कंपनी की आड़ में कॉल सेंटर चलाकर इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों के साथ धोखाधड़ी कर रहे थे।

राज्य सायबर सेल के मुताबिक रिटायर्ड भेलकर्मी द्वारा शिकायत की गई थी कि आरोपियों द्वारा उनकी बंद बजाज एलियांस कंपनी की इंश्योरेंस पॉलिसी को चालू कराने के नाम पर 2018 से 2020 तक प्रक्रिया शुल्क का हवाला देकर 8 बैंक खातों में 40 लाख रुपए जमा कराए थे। विवेचना में सामने आया था कि आरोपियों द्वारा दिल्ली एवं कानपुर से अपराध किया है।

इंस्पेक्टर अभिषेक सोनेकर के नेतृत्व में गई टीम ने 3 अप्रैल को कानपुर से नितिन त्रिवेदी को गिरफ्तार किया। उसने अपने एक्सिस बैंक व आईडीएफसी बैंक खातों में 5 लाख रुपए जमा कराए थे। इसमें से उसने राशि अन्य आरोपियों को दिल्ली ट्रांसफर की गई थी। नितिन पूर्व में कई बैंकों में कार्य कर चुका है तथा बैंकिंग कार्यवाही की उसे अच्छी जानकारी थी।
पहले से ही ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के संपर्क में थे दोनों आरोपी
टीम ने गुड़गांव से एयू स्माॅल फाइनेंस बैंक में कॉर्पोरेट सैलरी विभाग के एरिया मैनेजर अर्पित गुप्ता को हिरासत में लिया। अर्पित एवं नितिन पूर्व में एक साथ इंडसइंड बैंक दिल्ली में काम करते थे। दोनों ही आरोपियों के इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह से संबंध थे। अर्पित से की गई पूछताछ के बाद पुलिस ने दिल्ली के बदरपुर थाना क्षेत्र में दबिश देकर बैतूल (मप्र) निवासी सुप्रोभात माली एवं फरीदाबाद निवासी रघु आनंद को हिरासत मे लिया गया।
सुप्रोभात और रघु चला रहे थे कॉल सेंटर
सुप्राेभात और रघु लाईका आयुर्वेद हेल्थ एवं ब्यूटी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी रजिस्टर्ड कराकर इसकी आड़ में कॉल सेंटर चला रहे थे। वे विभिन्न कंपनियों की इंश्योरेंस पॉलिसी का डेटा प्राप्त कर उनके धारकों को लुभावने ऑफर देकर प्रक्रिया शुल्क के नाम पर बैंक खातों में राशि प्राप्त कर धोखाधड़ी कर रहे थे। आरोपियों के कार्यालय से डीवीआर, मॉडम, मोबाइल फोन, सिमकार्ड, कंप्यूटर सिस्टम तथा लगभग इंश्योरेंस कंपनियों का 20 हजार डेटा जब्त किया गया है।