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महाकाल ने खेली पहली बार भक्तों के बिना होली

उज्जैन. दुनिया भर में मनाए जाने वाले होली के त्योहार की शुरुआत धार्मिक नगरी उज्जैन से होती है. यहां सबसे पहले होली का त्योहार विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में मनाया जाता है. इस बार भी महाकाल के दरबार में होली का उत्सव मनाया गया. यहां संध्या आरती में पण्डे-पुजारियों ने महाकाल के साथ होली खेली.
हालांकि, हर साल हजारों की संख्या में आने वाले भक्त कोरोना की वजह से मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाए. पुजारियों ने  भक्ति में लीन होकर महाकाल को अबीर-गुलाल लगाया. संध्या आरती के बाद यहां होलिका दहन किया गया.लॉकडाउन की वजह से  जिन दर्शनार्थियों ने दर्शन की प्री-बुकिंग कराई थी, उसे निरस्त कर दिया गया.

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साफ-साफ दिखा कोरोना का असर
धुलेंडी पर भस्मारती में पुजारी भगवान महाकाल को प्रतीकात्मक रूप से गुलाल अर्पित कर सकेंगे. मंदिर के पुजारी की मानें तो पहली बार ऐसा संयोग बना है जब बिन श्रद्धालुओं के मंदिर में होली मनाई गई. पूरे उत्सव पर कोरोना संक्रमण का बड़ा असर पड़ा. दरअसल लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में भी एक दिन का लॉकडाउन लगाया गया था.

घरों से नहीं लोग, पुलिस ने दी समझाइश

उज्जैन में लॉकडाउन का 100 प्रतिशत असर देखने को मिला. मेडिकल स्टोर्स छोड़कर सभी प्रतिष्ठान बंद थे. आम लोग घरों में ही रहे.  शहर के प्रमुख चौराहे टावर चौराहा , बस स्टेण्ड , रेलवे स्टेण्ड , चामुंडा माता मंदिर , गोपाल मंदिर , सराफा सहित अन्य भीड़ भाड़ वाली सारी जगहों पर लॉकडाउन का असर देखने को मिला.  इक्का दुक्का लोग शहरो में निकले तो पुलिस ने भी सख्ती नहीं दिखाई, सिर्फ पूछ कर जाने दिया गया.

ऑटो चालकों ने मांगा तीन गुना किराया

लॉकडाउन से सबसे ज्यादा परेशानी उन यात्रियों को हुई, जो अन्य शहर से उज्जैन पंहुचे थे. उज्जैन रेलवे  स्टेशन पर सुबह मुम्बई से आई अवंतिका एक्सप्रेस से उतरे एक यात्री ने आरोप लगाया कि महामारी में भी ऑटो वाले आम लोगों से अवैध वसूली कर रहे हैं. रेलवे स्टेशन से भैरवगढ़ करीब 6 किमी तक जाने के लिए ऑटो वालो ने यात्री से 1000 रुपए मांग लिए, जिसकी शिकायत उज्जैन एसपी के पास भी पंहुची. वहीं, भोपाल से आए यात्रियों ने बताया की ऑटो वालो ने तीन गुना ज्यादा किराया मांगा तो हमने घर वालों को बुलाया. इसी तरह कई यात्री अपने अपने घर जाने के लिए परेशांन  होते रहे.