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सतना में पुलिस की पिटाई से सरपंच की मौत ! ग्रामीणों में आक्रोश

  सतना | सरपंच की पुलिस ने पिटाई की जिसके बाद सरपंच की मौत हो गई. सरपंच दो ग्रामीणों के साथ गांव के एक आरोपी की पैरोल में छोड़ने की सिफारिश करने ताला थाना गए थे,वहां पर उनका विवाद पुलिस से हो गया परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तीनों को लॉकअप में बंद कर जमकर पीटा और थाने में हंगामा करने का मामला दर्ज कर दिया.

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इसके बाद तीनों को जेल भेज दिया गया जेल से 7 दिन पहले छूटकर आए सरपंच की अचानक तबियत बिगड़ गई सरपंच को रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां इलाज के दौरान बुधवार को सरपंच की मौत हो गई सतना एसपी धर्मवीर सिंह यादव ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है वहीं डीएसपी किरण कीरो का कहना है कि सरपंच ने थाने में मुंशी के साथ बदतमीजी की थी पपीएम रिपोर्ट आने के बाद मौत की असली वजह सामने आएगी.उधर इस मामले में सरपंच के साथियों का कहना है कि पिटाई के बाद तबीयत बिगड़ी है ककलपुर गांव के वीरेंद्र द्विवेदी ने बताया कि छोटे भाई सुरेंद्र द्विवेदी को जेल में बंद किया गया जिसके बाद पैरोल की अनुशंसा का कागज थाने पहुंचा था जेल से मिलने पर भाई ने कहा कि पैरोल मिल जाएगी किसी को थाने ले जाकर अनुशंसा करा लो फिर मैं सरपंच राममिलन कोल और अखिलेश साकेत को लेकर थाने पहुंचा थाने में पहले कहा गया कि मुंशी नहीं है जब दोबारा पूछा गया तो थाने के पुलिसकर्मियों ने लॉकअप में बंद कर सारे कपड़े उतारे और हम तीनों लोगों को जमकर पीटा और इसके बाद जेल भेज दिया गया जेल से जमानत पर जब सरपंच वापस आए तो बीमार पड़ गए बीती रात अस्पताल में उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

उधर पुलिस का अपना अलग तर्क है पूर्व सरपंच राममिलन कोल विरेंद्र और अखिलेश साकेत 26 फरवरी को ताला थाने में पहुंचे जहां उन्होंने हंगामा किया इसके बाद तीनों पर 353 327 के तहत मामला दर्ज किया गया था 27 फरवरी को अमरपाटन न्यायालय में तीनों अभियुक्तों को पेश किया गया जहां से उन्हें उप जेल मेहर भेज दिया गया हालांकि पूरे मामले का खुलासा पीएम रिपोर्ट आने के बाद हो जाएगा.